सरकार की फैक्ट चेक यूनिट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कल ही जारी हुआ था नोटिफिकेशन, जानें कोर्ट ने क्या कहा

PIB Fact Check Unit: कल ही केंद्र सरकार ने फैक्ट चेक यूनिट को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला अभिव्यक्ति की आजादी का है।

PIB Fact Check Unit: सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकार के फैक्ट चेक यूनिट पर रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने कल ही PIB फैक्ट चेक यूनिट को लेकर अधिसूचना जारी किया था। सरकार ने इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी नियमों के तहत संशोधन लाते हुए एक फैक्ट चेक यूनिट को सेटअप करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा कि ये मामला अभिव्यक्ति की आजादी का है। कोर्ट ने ये साफ कहा कि ये रोक तब तक लागू रहेगी, जब तक बॉम्बे हाईकोर्ट में इस यूनिट के सेटअप के खिलाफ डाली गई याचिकाओं का निस्तारण नहीं हो जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने आज फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए पीआईबी के तहत सरकार द्वारा लाई गई फैक्ट चैक यूनिट की अधिसूचना पर रोक लगाया है। सरकार ने कल एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा था कि PIB के तहत फैक्ट चैक यूनिट केंद्र की इकाई होगी। ये इकाई सरकार सेज जुड़ी ऑनलाइन सामग्री की निगरानी करेगी। ताकि कोई भी गलत सूचना का प्रसारण ना हो सके। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि “हमारा मानना ​​है कि अंतरिम राहत के आवेदन को खारिज करने के बाद 20 मार्च 2024 की अधिसूचना पर रोक लगाने की जरूरत है। 3 (1) (बी) (5) की वैधता को चुनौती में गंभीर संवैधानिक प्रश्न शामिल है और फ्री स्पीच और अभिव्यक्ति पर नियम के असर का हाई कोर्ट की ओर से विश्लेषण करने की जरूरत होगी।”

बुधवार को सरकार ने जारी किया था नोटिफिकेशन

बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) की ओर से बुधवार को तथ्यों की जांच करने वाली इकाई को 2021 के आईटी नियमों के तहत अधिसूचित किया गया था। इस अधिसूचना में कहा गया था कि केंद्र सरकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो PIB के तहत तथ्य जांच इकाई FCU को केंद्र सरकार की तथ्य जांच इकाई के रूप में अधिसूचित करती है। ये कहा गया कि फैक्ट चेकिंग यूनिट सरकार से जुड़े सभी फर्जी खबरों या गलत सूचनाओं से के प्रसारण को रोकने के लिए नोडल एजेंसी होगी।

किसने दी थी चुनौती

सरकार की यह अधिसूचना तब आई जब बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र को इकाई को अधिसूचित करने से रोकने से इनकार कर दिया था। बंबई उच्च न्यायालय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। जिसके स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की थी। याचिकाकर्ताओं ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ जाकर उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।


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Saumya Srivastava

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पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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