Supreme Court: राजस्थान सरकार के 1989 के एक कानून को मंजूरी देते सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला किया है। कोर्ट ने 12 अक्टूबर 2022 के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। दरअसल यह फैसला पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट की याचिका पर हुआ है, जिन्होंने 2018 में राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के रूप में शामिल होने की मांग की थी। इसके बाद उनके आवेदन को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के नियम 24(4) का हवाला देते हुए खारिज कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने यह मंजूरी देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार का नियम संविधान के दायरे में आता है और इसमें हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि नियम जो दो से ज्यादा बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है, गैर-भेदभावपूर्ण नहीं है और इसे संविधान के दायरे से बाहर ठहराया जाना चाहिए।
वहीं इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि पहले भी 21 साल पहले कोर्ट ने इसी प्रकार का फैसला दिया था कि नियम जो परिवार नियोजन को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है, वह संविधान के दायरे से बाहर है।
दरअसल नियम के तहत 1 जून 2002 के बाद पैदा हुए दो से अधिक बच्चों वाले नागरिक को यह नियम नौकरी देने से रोकता है। लेकिन सैनिक जाट द्वारा इसी नियम के खिलाफ तर्क दिया गया था जिसे पहले ही राजस्थान हाईकोर्ट और अब फिर से सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस निर्णय के बाद से राजस्थान में दो से ज्यादा बच्चों वाले लोगों के लिए सरकारी नौकरियां नहीं मिल सकेंगी। इस नियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट रूप दिखाई दिया है।