शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का यूट्यूब चैनल हैक होने की बड़ी खबर सामने आई है, जिसके चलते देश के सर्वोच्च न्यायालय की डिजिटल सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े हुए दिखाई दिए। दरअसल हैकर्स ने इस चैनल को निशाना बनाकर अमेरिकी क्रिप्टोकरेंसी कंपनी रिपल लैब्स के XRP टोकन का प्रचार किया। वहीं इस घटना के बाद, सुप्रीम कोर्ट से संबंधित पुराने मामलों के वीडियो अब चैनल पर प्राइवेट हो गए हैं।
वहीं इसके बाद सोशल मीडिया पर यह न्यूज़ वायरल हो गई और दर्शकों में इसे लेकर चिंता देखी गई। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अपने यूट्यूब चैनल का उपयोग मुख्य रूप से महत्वपूर्ण मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए करता है। लेकिन वर्तमान में चैनल हैक हो जाने के चलते इसपर सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित एक वीडियो ही दिखाई दे रहा है।
चैनल पर चल रहा बस यह वीडियो
दरअसल इस हैकिंग के बाद सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चैनल पर मौजूद सभी पुराने वीडियो को प्राइवेट कर दिया गया है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण केस का वीडियो भी शामिल है, जो की आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में हुई रेप और हत्या की घटना से संबंधित है। जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को भी लाइव स्ट्रीम किया था, लेकिन अब इसे हैकर्स ने प्राइवेट कर दिया है।
वहीं फिलहाल कोर्ट के चैनल पर केवल एक ही वीडियो मौजूद है, जो अमेरिकी क्रिप्टोकरेंसी रिपल पर आधारित है। बता दें कि इस वीडियो का शीर्षक है, “ब्रैड गार्लिंगहाउस: SEC द्वारा लगाए गए $2 बिलियन के जुर्माने पर रिपल की प्रतिक्रिया,” जिसमें क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारी दी जा रही है।
NIC से मांगी गई मदद
वहीं सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चैनल की हैकिंग के बाद, अधिकारियों ने तुरंत हरकत में आते हुए इसे ठीक करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट की आईटी टीम मामले को सुलझाने में जुटी है, हालांकि समस्या का समाधान थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। इस साइबर हमले की गंभीरता को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) से सहायता मांगी है। सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना शुक्रवार सुबह की है, और फिलहाल आईटी टीम और NIC मिलकर चैनल को फिर से सही करने पर काम कर रहे हैं।