Surya Grahan 2024: कब लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण? क्या भारत में दिखेगा ? जानें डेट टाइम और सूतक काल के बारें में

खगोलीय और धार्मिक दोनों दृष्टियों से सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है। इसे ही सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है।

Pooja Khodani
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Surya Grahan/Solar Eclipse 2024: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है , जब भी कोई ग्रहण लगता है तो उस घटना को खगोलीय घटनाओं में एक माना जाता है। मार्च में साल का पहला चन्द्र ग्रहण और अप्रैल में साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और अब अक्टूबर में साल का दूसरा ग्रहण लगने वाला है। हालांकि यह ग्रहण भी भारत में नही दिखाई देगा और ना ही इसका सूतककाल मान्य होगा।

इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 को लगा था।वैसे सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है। सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। सूतक काल के समय पूजा-पाठ और कोई मांगलिक, धार्मिक कार्यों को करने की मनाही होती है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।

अक्टूबर में लगेगा साल का दूसरा ग्रहण

  • ज्योतिष के अनुसार, साल का दूसरा ग्रहण 2 और 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगेगा, लेकिन पहले सूर्य ग्रहण की तरह यह भी भारत में नहीं दिखाई देगा। इस ग्रहण का समय रात 09:13 पीएम से अगले दिन सुबह 03:17 एएम तक रहेगा। यह ग्रहण बेहद लंबा होगा और इसकी अवधि करीब 6 घंटे की रहेगी, हालांकि, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में नजर नहीं आएगा, क्योंकि ये ग्रहण रात में लगेगा।
  • ये वलयाकार सूर्य ग्रहण  रहेगा और अपने चरम पर सूर्य का 93 प्रतिशत हिस्सा ढका रहेगा, जिसके कारण यह पृथ्वी से एक चमकदार कंगन की तरह दिखाई देगा।भारत में साल का दूसरा सूर्य ग्रहण तो नहीं दिखेगा लेकिन आर्कटिक, अर्जेंटीना, फिजी, चिली, पेरू, ब्राजील, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका आदि समेत कई अन्य देशों में भी इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखने का अनुभव लोग पा सकेंगे।

कब लगता है सूर्य ग्रहण चन्द्र ग्रहण?

हिंदू धर्म में ग्रहण का बड़ा महत्व है। खगोलीय और धार्मिक दोनों दृष्टियों से सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है। इसे ही सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है।

आईए जानते है ग्रहण के बारें में विस्तार से

  • नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार, इस कैलेंडर वर्ष में भारत के इस भूभाग पर न तो सूर्यग्रहण और न ही चंद्रग्रहण दिखेगा । वैसे तो विश्‍व में दो सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना होगी, लेकिन इनमें से तीन ग्रहण सम्‍पूर्ण भारत में नहीं दिखेंगे ।
  • केवल 18 सितंबर को सुबह सबेरे पश्चिमी भारत के कुछ नगरों में कुछ मिनिट के लिये उपछाया चंद्रग्रहण होगा । उपछाया ग्रहण को देखकर महसूस नहीं किया जा सकता है तथा इसकी धार्मिक मान्‍यता भी नहीं बताई गई है । इस तरह से 2024 भारत के लिये होगा ग्रहण विहीन साल ।
  • आमतौर पर साल में 4 से लेकर सात तक ग्रहण हो सकते हैं जिनमें एक साल में दो से लेकर पांच तक सूर्यग्रहण हो सकते हैं । चंद्रग्रहण भी एक साल मे दो से लेकर 5 तक हो सकते हैं । वैसे एक साल में दो सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण होते हैं । लेकिन पृथ्‍वी के किसी एक भूभाग या देश से कितने ग्रहण दिखेंगे यह हर बार बदलता रहता है ।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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