Teachers-Employees Salary : प्रदेश के 18000 शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल उनके वेतन को रोका जा रहा है। इस संबंध में शुक्रवार को समीक्षा बैठक के बाद सामने आई जानकारी के मुताबिक साक्षरता विभाग के सचिव ने वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही ऐसे शिक्षक जिनका प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। उन्हें नोटिस जारी कर सेवा मुक्त करने के भी आदेश दिए गए हैं।
सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाने वाले झारखंड के शिक्षकों को जनवरी के वेतन और मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा सभी जिले के बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट की मांग की गई है। वहीं जनवरी के वेतन ऐसे ही शिक्षकों को जारी किए जाएंगे, जिन्होंने बायोमेट्रिक सत्यापन का कार्य पूरा किया है।
शिक्षकों को भेजा गया था रिमाइंडर
शिक्षा विभाग द्वारा दिसंबर 2022 में सभी जिले और शिक्षकों को निर्देश दिए गए थे। बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बनाने वाले शिक्षकों के वेतन को रोके जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के अंतर्गत राज्य के शासक के शिक्षक और पारा शिक्षकों को मिलाकर कुल 115000 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। ऐसे में जनवरी के पहले सप्ताह से ही इनमें से 104000 शिक्षक द्वारा ही बायोमेट्रिक हाजिरी बनाई जा रही है जबकि 10,000 से अधिक शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में शिक्षकों को रिमाइंडर भेजा गया था लेकिन बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बनाने पर उन्हें वेतन भुगतान नहीं किए जाने की चेतावनी भी दी गई थी।
बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य
शिक्षकों को ई विद्यावाहिनी पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य है। इस मामले में प्रावधान शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने स्पष्ट किया है कि जनवरी में केवल उन्हीं शिक्षकों के वेतन भुगतान होंगे। जिन्होंने बायोमेट्रिक उपस्थिति का कार्य पूरा किया है। वही ऐसे लोग जो बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं करा रहे हैं, उनके वेतन को रोक दिया जाएगा।
इन्हें नोटिस जारी कर सेवा मुक्त करने के आदेश
इसके अलावा शिक्षा सचिव ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया। जिसमें कहा गया है कि ऐसे पैरा शिक्षक को नोटिस जारी कर सेवा मुक्त किया जाए। जिनके प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। बता दें कि ढाई सौ से अधिक पर शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं जबकि 200 पारा शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र पर कानूनी कार्रवाई के डर से पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं।
बच्चों के बैंक खाता खुलवा कर राशि हस्तांतरित करने के भी निर्देश
इसके अलावा समीक्षा बैठक में यह बात भी सामने आई कि राज्य के 72% शासकीय स्कूल में ही बच्चों को अब पोशाके मिल पाई है। इस तरह 76% स्कूलों में बच्चों को स्कूल से मिला है। समीक्षा बैठक में सामने इस जानकारी के बाद सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को उसका लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं बच्चों का बैंक खाता खुलवा कर उसमें राशि हस्तांतरित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।