नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के बीच एक राहत भरी खबर ने फिलहाल कुछ सुकून दिया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपने अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना की भारतीय वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है। गौरतलब है कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित किया गया है।
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देश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच कौवैक्सीन के प्रभाव को लेकर आई इस खबर से सवालों को भी विराम लग गया। कोरोना वैक्सीन के प्रभाव को लेकर भी कई सवाल खड़े किए गए थे। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपने अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना की भारतीय वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है।
भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित किया गया है। भारत में अभी तक कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी वैक्सीन को ही मंजूरी मिली है। ये सभी वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी बताई जाती हैं।
कोरोना संक्रमण में वायरस के लगातार बदलते प्रभाव ने भी मेडिकल साइंस के लिए चुनौती पैदा की है,और अब संक्रमण की तीसरी लहर में डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिए कहा जाता है कि यह काफी तेजी से फैलता है। डेल्टा वेरिएंट के म्यूटेशन का परिणाम है, जिसके लक्षण लगभग डेल्टा वेरिएंट के समान ही होते हैं। कोवैक्सीन की प्रभावशीलता कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8 फीसदी है। और अब आईसीएमआर के इस दावे ने फिलहाल इस भरोसे को और पुख्ता कर दिया है।