नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस (Congress) के हालात इन दिनों कुछ अच्छे नहीं दिखाई दे रहे। आलाकमान यहां पर गहलोत की जगह नया मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। इस वजह से अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के गुट में तनातनी देखी जा रही है। गहलोत ग्रुप सचिन पायलट के नाम पर बिल्कुल भी तैयार नहीं है और वह चाहता है कि अशोक गहलोत के गुट के ही किसी मंत्री को मुख्यमंत्री पद सौंपा जाए। बात इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि गहलोत ग्रुप के 92 विधायकों ने स्पीकर के पास जाकर अपना इस्तीफा भी दे दिया है।
इस मामले में आलाकमान ने गहलोत से बात की तो उनका कहना था कि मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है, मैं कुछ नहीं कर सकता। कांग्रेस आलाकमान को शायद लगा था कि वह राजस्थान में आसानी से नेतृत्व परिवर्तन कर देंगे और पार्टी के कहे मुताबिक गहलोत पद से हट जाएंगे। लेकिन जादूगर कहे जाने वाले गहलोत ने एक बार फिर से जादू दिखा दिया है और उनका गुट सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के विरोध में खड़ा हो गया है।
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आलाकमान की ओर से विधायकों की जो बैठक रखी गई थी उसमें भी गहलोत गुट के विधायक नहीं पहुंचे, जिसके चलते बैठक स्थगित करना पड़ी। इसके बाद बीती रात स्पीकर सीपी जोशी के घर पहुंच कर 92 विधायकों ने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर दिए।
गहलोत और पायलट ग्रुप के बीच चल रही खींचतान की वजह से आलाकमान काफी नाराज है। खबर यह है कि जब वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत से पूछा कि इस तरह के हालात क्यों बन रहे हैं? तो उनका कहना था कि मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है। यह विधायकों का निजी फैसला है, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। स्थिति को देखते हुए आलाकमान की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को एक-एक विधायक से मिलकर बात करने को कहा गया है।