चोर ने लौटाई वैक्सीन, बोला- सॉरी, पता नहीं था कोरोना की दवाई है, लेटर वायरल

Pooja Khodani
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जींद, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां कोरोना (Corona) संकटकाल में लूट और कालाबाजारी जोरों पर चल रही है वही दूसरी तरफ हरियाणा (Haryana) के जींद (Jind District) में एक चोर ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। यहां एक चोर चोरी करने के बाद सिविल लाइन थाने के सामने चाय की दुकान पर प्‍लास्टिक बैग वापस रख गया और साथ में एक नोट भी छोड़ा जिस पर लिखा था ‘मुझे माफ कर दीजिए। पता नहीं था कि इसमें कोरोना वैक्‍सीन है।’

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दरअसल, दो दिन पहले बुधवार रात जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल के पीपी सेंटर (PP Center of Civil Hospital) से कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की 1270 और कोवैक्‍सीन की 440 डोज के साथ कुछ फाइलें अचानक चोरी हो गई थी। इससे शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया और फिर शिकायत मिलने के बाद पुलिस इस मामले की छानबीन में जुट गई।पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में दो लोग चोरी करते मिले जिनकी पहचान का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन इससे पहले ही गुरुवार के दिन चोर को गलती का अहसास हुआ और उसने सिविल लाइन थाने के बाहर चाय की दुकान पर बैठे बुजुर्ग को एक बैग देते हुए कहा कि ये थाने के मुंशी का खाना है और फिर चला गया।

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जैसे ही पुलिसकर्मियों ने बैग खोला तो उसमें से कोविशील्ड (Covishield) की 1270 और कोवैक्सीन (Covaxin) की 440 डोज बरामद हुई। साथ में हाथ से कॉपी के पेज पर लिखा हुआ एक नोट- ‘सॉरी मुझे पता नहीं था कि ये कोरोना की वैक्सीन है। ‘चोर कौन था और कहां से आया था पुलिस अबतक इस बारे में जानकारी नहीं निकाल पाई है। हालांकि पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 457 और 380 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इधर सोशल मीडिया पर लोग चोर की तारीफ कर रहे है और सरकार को निशाने पर ले रहे है।

ट्वीटर पर यूजर्स का ऐसा रहा रिएक्शन

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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