भारत का हर एक शहर, गांव और कस्बा अलग-अलग महत्व के लिए जाना जाता है। यहां की लगभग 70 फीसदी आबादी गांव में रहती है, जो कि कृषि पर निर्भर है। कुछ गांव बहुत ही ज्यादा सुखी और समृद्ध है, तो कुछ गांव ऐसे भी है, जहां सुविधा न के बराबर है। बता दें कि यहां कुछ शहर ऐसे हैं, जो कि काफी महंगा है। यहां के लोग काम इनकम में जीवन यापन नहीं कर सकते, तो वहीं कुछ शहर ऐसे भी हैं, जो बहुत ही सस्ते हैं। यहां कम सैलरी में भी परिवार का भरण-पोषण अच्छे से किया जा सकता है।
पिछले कई आर्टिकल में हम आपको भारत के सबसे महंगा शहर, भारत का सबसे सस्ता शहर से रूबरू करवा चुके हैं। आज हम आपको उस शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे चाय की नगरी कही जाती है।

चाय की नगरी
चाय की बात करें, तो अमूमन हर कोई इसका दीवाना है। चाय को सर दर्द से लेकर हर एक चीज का रामबाण इलाज माना जाता है। लोग काम करते वक्त बीच-बीच में टी ब्रेक लेते हैं। हर गली मोहल्ले में टपरी पर चाय की दुकान में लोगों की भीड़ देखने को मिलती है। यह एक ऐसी जगह है, जहां लोग आपस में मिलते हैं और तरह-तरह की चीजों पर बातचीत करते हैं, लेकिन देश में एक ऐसा शहर भी मौजूद है, जिसे चाय की नगरी कही जाती है।
डिब्रूगढ़ शहर (Dibrugarh City)
दरअसल, डिब्रूगढ़ शहर को चाय की नगरी कही जाती है, क्योंकि असम के इसी शहर में सबसे ज्यादा चाय का उत्पादन किया जाता है। यूएई, अमेरिका, ईरान, रूस, चीन, ब्रिटेन और जर्मनी सहित अन्य बहुत सारे देश भारत से चाय की पत्ती मंगवाते हैं। अकेले भारत के उत्तरी भाग में 83 फीसदी व दक्षिणी भाग में 17 फीसदी चाय की पत्तियां उगाई जाती है।
बागान देखने में है खूबसूरत
चाय का उत्पादन बहुत ही कम देशों में होता है, लेकिन भारत का नाम दूसरे नंबर पर शामिल है, जो कि सबसे बड़ा निर्यातक है। वहीं, असम की चाय दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां के स्थानीय चाय कारोबार लोगों के जीवन यापन का एक माध्यम है। यहां के चाय का स्वाद बहुत ही अनोखा और अद्भुत है, जिसे टेस्ट करने के लिए विश्व भर के पर्यटक भी पहुंचते हैं और यहां का आनंद उठाते हैं। चाय का बागान देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत होता है। लोग यहां पिक्चर्स भी क्लिक करवाते हैं।