Bihar Teacher Transfer Policy : बिहार के लाखों सरकारी स्कूल के शिक्षकों कर्मियों के लिए खुशखबरी है। राज्य की नीतीश सरकार ने नई ट्रांसफर नीति घोषित कर दी है। इस नीति के तहत अब BPSC से नियुक्त शिक्षक, पुराने शिक्षक और सक्षमता पास शिक्षकों को अब अपने जिले में रहने का मौका मिलेगा।
शिक्षक इसी महीने से ट्रांसफर के लिए ऐप पर आवेदन कर सकेंगे। जल्द ही आवेदन लिए जाएंगे और दिसंबर 2024 तक नए स्कूलों में नियुक्ति दे दी जाएगी।नई तबादला नीति से प्रदेश के लगभग 5 लाख शिक्षकों को लाभ मिलेगा। इनमें 1 से 8वीं क्लास तक के 4 लाख और अन्य 9 से 12वीं तक के शिक्षक शामिल है।यह नीति सिर्फ BPSC और सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों और पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों पर लागू होगी। स्थानीय निकायों से नियुक्त शिक्षक इस नीति का लाभ नहीं ले पाएंगे।
Bihar New transfer Policy के प्रमुख बिन्दु
- पुरुष शिक्षकों को अपने ही अनुमंडल में पोस्टिंग नहीं मिलेगी।
- पहले चरण में सभी योग्य शिक्षकों का ट्रांसफर मुख्यालय स्तर से होगा।
- अगर बीपीएससी टीआरई-1, टीआरई-2 और सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों ने ट्रांसफर का विकल्प नहीं चुना है, तो उनका ट्रांसफर नहीं होगा।
- ट्रांसफर के दौरान राज्य स्तरीय वरीयता का ध्यान रखा जाएगा।
- गंभीर बीमारी जैसे कैंसर से पीड़ित शिक्षक या उनके परिवार के सदस्य को पसंदीदा जिले, अनुमंडल या पंचायत में पोस्टिंग मिल सकेगी।
- गंभीर बीमारी से ग्रस्त और दिव्यांग शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। तबादले के दौरान सबसे पहले उन्हें उनके चुने हुए पंचायत, नगर निकाय, अनुमंडल में पदस्थापित किया जाएगा।उसके बाद विधवा, तलाकशुदा महिला और शिक्षिका के पति की पदस्थापना के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी.
- अगर पति सरकारी कर्मचारी है, तो पति के कार्यस्थल के आधार पर महिला शिक्षिका को ट्रांसफर का विकल्प मिलेगा।
- पति-पत्नी को एक ही विद्यालय में पोस्टिंग की सुविधा भी इस नीति में दी गई है।
- विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना 10 से 30 प्रतिशत के अनुपात में होगी, इसमें 10 नियमित शिक्षक, 30 स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त शिक्षक, 30 योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक तथा 30 प्रतिशत BPSC द्वारा नियुक्त शिक्षक शामिल होंगे।
- किसी विशेष विद्यालय में महिला शिक्षकों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना की सीमा 70 प्रतिशत होगी।
- जिन शिक्षकों ने भौतिक दस्तावेज जमा किए हैं, उन्हें भी ऑनलाइन आवेदन करना होगा।शिक्षकों की पदस्थापना 5 साल के लिए होगी।
- 5 साल के बाद उनका फिर से तबादला किया जाएगा, हालांकि, दिव्यांग या बीमार शिक्षकों की समस्या को देखते हुए उनका तबादला 5 साल से पहले भी किया जा सकता है।
- प्रत्येक नगरीय निकाय को इकाई मानकर स्थानांतरण की कार्रवाई की जाएगी।
- स्थानांतरण एवं प्रतिनियुक्ति संबंधी आदेश विभागीय पोर्टल से सॉफ्टवेयर आधारित आटो जेनरेटेड फार्मेट के माध्यम से निर्गत किया जाएगा। अन्य किसी माध्यम से निकाले गए आदेश अवैध माने जाएंगे।