UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने कुछ दिनों पहले ही एक आदेश जारी किया था। इसमें देशभर के सभी विश्वविद्यालय को अनिवार्य रूप से लोकपाल नियुक्त करने के निर्देश दिए गए थे। यूजीसी के इस आदेश को देशभर के 421 विश्वविद्यालय ने पूरा नहीं किया। जिसके चलते अब इन सभी को डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है। इन डिफाल्टर विश्वविद्यालय में मध्य प्रदेश के 18 विश्वविद्यालय भी शामिल है। यूजीसी ने आदेश जारी करने के बाद 31 दिसंबर तक सभी विश्वविद्यालय को मोहलत दी थी। लेकिन जब इन सभी ने लापरवाही बरती तो इन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। सभी डिफाल्टर विश्वविद्यालय को यह बोल दिया गया है कि लोकपाल की नियुक्ति जल्द से जल्द कर यूजीसी को इस संबंध में जानकारी भेजें।
छात्रों को मिलेगा समस्या का निवारण
देश के सभी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण किया जा सके। इसी उद्देश्य से लोकपाल की नियुक्ति की जानी थी। यूजीसी ने शिकायत निवारण विनियम 2023 के तहत प्रवेश के दौरान कोई गड़बड़ी, फीस, सर्टिफिकेट, परीक्षा संचालन में अनियमितता, छात्रवृत्ति, उत्पीड़न, दाखिले के लिए धन की मांग, आरक्षण नियम और अन्य शिकायतों पर 15 दिन के अंदर रिपोर्ट और निपटारण का दायित्व लोकपाल को सौंपा है।