UIDAI : चार अंक का ये नंबर नोट कर लें, आधार कार्ड से जुड़ी हर समस्या का मिलेगा समाधान

Atul Saxena
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UIDAI Toll Free Number : यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) अपने यूजर की सुविधाओं को देखते हुए नई-नई सुविधाएं लेकर आता रहता है जिससे लोगों को आसानी से अधिक फायदा मिल सके। इसी क्रम में हाल ही में पिछले दिनों UIDAI ने इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस (IVR) तकनीक पर एक नई कस्टमर सर्विस शुरू की है। UIDAI ने आधार कार्ड (UIDAI Aadhaar ) धारक की मदद के लिए 1947 नंबर जारी किया है, ये एक टोल फ्री नंबर (UIDAI Toll Free Number)  है और ये सेवा 24×7 मुफ्त उपलब्ध रहेगी।

UIDAI ने ट्वीट कर दी जानकारी

UIDAI ने पिछले दिनों ट्वीट कर अपनी इस नई सर्विस की जानकारी  दी है, अपनी पोस्ट में UIDAI ने लिखा कि किसी भी तरह की मदद के लिए आप टोल फ्री नंबर 1947  पर कॉल कर सकते हैं, यह नंबर आधार नामांकन या अपडेट स्टेटस, पीवीसी कार्ड का स्टेटस पता लगाने या SMS के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा।

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12 भाषाओं में की जा सकेगी बातचीत

UIDAI द्वारा जारी 1947 हेल्पलाइन नंबर की विशेषता ये है कि देश के किसी भी राज्य का व्यक्ति इसपर अपनी मातृभाषा में बात कर सकता है क्योंकि इस हेल्पलाइन नंबर पर आप हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, पंजाबी, गुजराती, कन्नड़, तमिल, मलयालम, मराठी, उड़िया, बंगाली और असमिया जैसी 12 भाषाओँ में बात कर सकते हैं ।

ई-मेल पर भी उपलब्ध होगी मदद

UIDAI के मुताबिक कोई भी आधार कार्ड धारक इससे जुड़ी कोई शिकायत या सुझाव देना चाहता है तो उसे वो ई मेल के जरिए भी शेयर कर सकता है, इसके लिए उसे ई-मेल आई डी  help@uidai.gov.in पर अपनी शिकायत व सुझाव को भेजना होगा।

1947 पर कॉल करने पर नहीं लगेगा चार्ज

नंबर 1947 टोल फ्री (UIDAI Toll Free Number 1947) है, इसका मतलब यह हुआ कि इस नंबर पर कॉल करने पर आपको कोई चार्ज देना होगा,  इसके साथ ही आप IVRS मोड पर दिन में किसी भी समय इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।  आधार कार्ड से जुड़ी अधिकतर समस्याओं का समाधान 1947 पर कॉल करके किया जा सकता है,  अगर आपको आधार कार्ड से जुड़ी कोई समस्या है तो आप 1947 पर कॉल करके उस समस्या को हल कर सकते हैं।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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