कर्मचारी की पेंशन जारी ना करने पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी, सरकार को दिए ये सख्त निर्देश, जानें कब मिलेगा लाभ?

हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने साल बीतने और हक में फैसला आने के बावजूद लाभ जारी नहीं किया गया, याची 24 साल से अदालतों के चक्कर काट रहा है, आप और कितना इंतजार करवाएंगे।

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Chandigarh Pension News : साल से कानून लड़ाई लड़ने वाले पूर्व सैनिक को पेंशन जारी ना करने पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है।हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि पेंशन कड़ी मेहनत से अर्जित संपत्ति है, इसे कैसे रोका जा सकता है?  हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अगली सुनवाई तक आदेश का पालन नहीं हुआ तो आईटीबीपी के महानिदेशक को खुद कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा।

हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, दिए ये आदेश

हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने साल बीतने और हक में फैसला आने के बावजूद लाभ जारी नहीं किया गया, याची 24 साल से अदालतों के चक्कर काट रहा है, आप और कितना इंतजार करवाएंगे। पेंशन रोकने का अधिकार केवल राष्ट्रपति को है, विभाग को ऐसा कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। इस आदेश के बावजूद पेंशन व अन्य लाभ जारी न करने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई है।। अगली सुनवाई तक आदेश का पालन किया जाए अन्यथा आईटीबीपी के महानिदेशक खुद अदालत में पेश हों।

ये है पूरा मामला

  • दरअसल, यह मामला कई सालों पुराना है और हिमाचल प्रदेश और श्रीनगर से जुड़ा है।सालों पहले श्रीनगर में हुए दुष्कर्म के एक मामले में कोर्ट मार्शल प्रक्रिया पूरी होने के बाद याची जयपाल गुलेरिया (मूल रूप से हिमाचल के मंडी से) को दोषी करार देकर सजा सुनाई गई थी, इसके बाद दोबारा कोर्ट मार्शल हुआ तो बर्खास्त कर दिया गया।इसके बाद 2000 में इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी तो कोर्ट ने 2013 में दोहरे कोर्ट मार्शल को गैर कानूनी करार दे दिया था लेकिन दोबारा सेवा में लेने का आदेश नहीं दिया।
  • इसके बाद याचिकाकर्ता ने पेंशन व अन्य लाभ जारी करने की मांग की तो हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याची के हक में फैसला सुनाया। इसको लेकर फिर केंद्र सरकार ने खंडपीठ में अपील दाखिल कर दी लेकिन जनवरी 2024 कोर्ट ने अपील खारिज कर याची को पेंशन व अन्य लाभ का पात्र माना।जिस पर अबतक अमल ना होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है और अगली सुनवाई तक पेंशन जारी करने के सख्त आदेश दिए है।

3 महीने में अनुकंपा नियुक्ति के आधार पर नौकरी पर लें फैसला

  • पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आर्मी से सेवानिवृत्त होकर बैंक में सेवा के दौरान मारे गए व्यक्ति की विधवा के हित में एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने बैंक को आदेश दिया है कि याची को अनुकंपा के आधार पर नौकरी पर 3 माह के भीतर निर्णय लिया जाए।
  • यह याचिका 2017 में हिसार निवासी रेखा शर्मा ने ने दाखिल की थी, जिसमें बताया गया था कि उनके पति भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होकर पंजाब नेशनल बैंक में काम कर रहे थे लेकिन 2015 को उनकी मौत हो गई थी और उस समय वह 49 वर्ष के थे।
  • याची ने अक्टूबर 2016 में अनुकंपा आधार पर नौकरी के लिए बैंक में आवेदन किया लेकिन बैंक ने यह कह कर रद्द कर दिया कि याची को पति की मौत के लिए LIC से 45 लाख रुपये मिले हैं और आर्मी से 17500 रुपये फैमिली पेंशन मिल रही है, ऐसे में परिवार को जरूरतमंद परिवार नहीं माना जा सकता।सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 8 साल बाद याची के हक में फैसला सुनाया है।

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Pooja Khodani

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