देश में यूपीआई का इस्तेमाल लगभग हर व्यक्ति करता है। पिछले कुछ समय में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ा है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि भारत के अलावा भी क्या कोई ऐसे देश हैं जो यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं? दरअसल, हाल ही में कैरेबियाई देश त्रिनिदाद और टोबैगो ने इसे अपनाया है। अब यह देश उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जहां आप यूपीआई पेमेंट मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे न सिर्फ उपभोक्ताओं को मदद मिलेगी, बल्कि दो देशों के बीच रिश्ते भी और मजबूत हो जाएंगे। अब दोनों देशों के बीच डिजिटल सहयोग को मजबूती मिलेगी। भविष्य में डिजिलॉकर, ई-साइन और सरकारी ई-मार्केटप्लेस जैसे इंडिया स्टैक समाधानों को भी त्रिनिदाद में लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
दरअसल, अक्सर ऐसा होता है कि जब हम दूसरे देश में जाते हैं तो हमें अलग-अलग एप्लिकेशन डाउनलोड करनी पड़ती है। कई देश ऐसे हैं जहां यूपीआई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, लेकिन अगर आप त्रिनिदाद में हैं तो आपको यह सुविधा मिलेगी और आप यूपीआई का इस्तेमाल कर सकेंगे।
हाल ही में त्रिनिदाद और टोबैगो इसे अपनाया
दरअसल, त्रिनिदाद और टोबैगो की आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इस देश को बधाई दी। हालांकि यह न सिर्फ त्रिनिदाद के लिए बल्कि भारत के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। बीते कुछ समय में यूपीआई को वैश्विक पहचान मिली है और भारत अपनी डिजिटल पेमेंट प्रणाली में अब दुनिया भर में पहचान बना रहा है। भारत ऐसे कई देशों में यूपीआई की सेवा देता है, जो भारतीयों के लिए गर्व की बात है। यूपीआई की सुविधा मिलने से वहां खरीदारी या अन्य कामकाजों में मदद मिलती है। यूपीआई एक फास्ट पेमेंट सेवा है जिससे तुरंत भुगतान हो जाता है।
इन देशों में यूपीआई का इस्तेमाल होता है
अब यूपीआई का इस्तेमाल करने वाले देशों की संख्या कुल आठ हो गई है। इन देशों में फ्रांस, भूटान, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और यूएई शामिल हैं। हालांकि यह सेवा हर जगह उपलब्ध नहीं है। यूपीआई की सेवा सिर्फ चुनिंदा मर्चेंट आउटलेट्स पर ही मिलेगी, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इसे तेजी से बढ़ाया जा सकता है। दरअसल, जब भी कोई देश यूपीआई को अपनाता है तो वह अपने फाइनेंशियल इकोसिस्टम में यूपीआई को शामिल कर लेता है। न सिर्फ भारतीय नागरिक, बल्कि उस देश के नागरिक भी यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं। यह पूरा कामकाज भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर किया जाता है। ऐसे में दोनों देशों को इसका लाभ मिलता है। हालांकि, सबसे ज्यादा फायदा भारतीय पर्यटकों को होता है।





