संसद के दोनों सदनों से पास हुआ वक्फ़ संशोधन बिल, कांग्रेस का विरोध जारी, सुप्रीम कोर्ट जाएगी

कांग्रेस बिल का लगातार विरोध कर रही है, कांग्रेस का कहना है कि BJP अहंकार की राजनीति कर रही है, क्योंकि संख्या बल उनके पास है। लोग असहमत हैं, इसके बाद भी वक्फ संशोधन बिल पास हो गया। ये जानबूझकर अल्पसंख्यक वर्ग को प्रताड़ित करने का कृत्य है।

Wakf Amendment Bill: वक्फ़ संशोधन बिल 2024 संसद के दोनों सदनों में बहुमत से पारित हो गया, परसों बुधवार को लोकसभा में 12 घंटे की लम्बी चर्चा के बाद इसे पास किया गया और उसके बाद कल गुरुवार को 12 घंटे की लम्बी चर्चा के बाद राज्यसभा में भी ये पास हो गया, हालाँकि विपक्ष की कई पार्टियाँ अभी भी इसे बिल को गैर संवैधानिक बता रही है और विरोध जता रही हैं।

वक्फ़ संशोधन बिल को लेकर देश में पिछले कई दिनों से छिड़ी बहस के बीच इसे विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने बहुमत से पास कर दिया, बुधवार को लोकसभा में बिल पेश किया गया और इस पर लम्बी चर्चा के बाद रात को ये पास हो गया इसके पक्ष में 288 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 232 वोट पड़े।

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राज्यसभा में बिल के समर्थन में आये 128 वोट, पास  

इसी तरह राज्यसभा में गुरुवार को बिल पेश किया गया यहाँ भी लोकसभा की तरह ही 12 घंटे बिल पर चर्चा हुई, इंडी गठबंधन की पार्टियों सहित असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने इसका विरोध किया, सरकार ने संशोधन की वजह बताई और कहा कि वक्फ़ की संपत्तियां गरीब मुसलमानों के लिए हैं हम उसे बचाने के लिए ये बिल लाये हैं, और फिर हंगामे के बीच वोटिंग हुई जिसमें बिल के समर्थन में 128 वोट पड़े जबकि बिल के विरोध में 95 वोट आये और राज्यसभा में भी बहुमत से पास हो गया।

संवैधानिकता को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस 

अब कांग्रेस सहित विरोध जताने वाले विपक्षी दल इस बिल को गैरसंवैधानिक बता रहे हैं, कांग्रेस ने कहा है कि वो जल्दी ही इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाएगी , कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पर लिखा है कि वक्फ़  संशोधन विधेयक, 2024 की संवैधानिकता को चुनौती देने के लिए कांग्रेस बहुत जल्द सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। हमें पूरा विश्वास है कि भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और परंपराओं पर मोदी सरकार के हर हमले का मजबूती से विरोध करते रहेंगे।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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