देश में इस समय एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर चर्चाएं छिड़ी हुई है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि देश में ऐसी कितनी यूनिवर्सिटी हैं जिन्हे अल्पसंख्यक दर्जे प्राप्त हैं। बता दें कि ऐसे कई विश्वविद्यालय देश में हैं जिन्हे अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास के उद्देश्य से स्थापित किया गया हैं। वहीं इन विश्वविद्यालय को भारत के संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत एक विशेष अधिकार भी दिया गया है। चलिए जानते हैं इनके बारे
में और अधिक।
बता दें कि जामिया मिलिया इस्लामिया जो की सबसे चर्चित विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 2011 में अल्पसंख्यक दर्जा दिया जा चुका है। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया का उद्देश्य एक विशेष समुदाय के शैक्षणिक विकास को मजबूत बनाना है। यूनिवर्सिटी में न सिर्फ मुस्लिम स्टूडेंट शिक्षा लेते हैं बल्कि हिन्दू समुदायों के छात्र भी यहां अध्ययन करते हैं।
हैदराबाद की एमएएनयूयू यूनिवर्सिटी
वहीं इस सूची में मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (एमएएनयूयू) का नाम भी शामिल है। इसे भी संविधान के तहत यह अधिकार दिया गया है। जानकारी के अनुसार इसकी स्थापना 1998 में की गई थी। यह चर्चित विश्वविद्यालय उर्दू भाषा और समुदाय विशेष संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मानी जाती है। इस विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के छात्र शिक्षा प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही यह विश्वविद्यालय मुस्लिम समुदाय के छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए पहचाना जाता है।
इन चर्चित विश्वविद्यालयों का नाम भी है शामिल
वहीं इस लिस्ट में हमदर्द विश्वविद्यालय जो की नई दिल्ली में स्थित है, का नाम भी शामिल है। दरअसल इसकी स्थापना 1989 में हुई थी। हमदर्द विश्वविद्यालय का नाम सबसे चर्चित अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी आता है। दरअसल इसे संविधान के तहत ही यह अधिकार दिया गया है। इसमें स्वास्थ्य, फार्मेसी, यूनानी चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के छात्र शिक्षा प्राप्त करते हैं। इसके अलावा एक विशेष दर्जे में नई दिल्ली में स्थित जीसस एंड मैरी कॉलेज का नाम भी आता है। इसमें बड़ी मात्रा में छात्र पढ़ाई करते हैं।