Army Canteen : सभी देश में आर्मी जवान होते हैं, जो कि बॉर्डर पर 24 घंटे तैनात रहते हैं, ताकि लोग अपने घरों में सुरक्षित और बेफिक्र होकर सो सके। आर्मी पर कभी भी आतंकी हमला हो जाता है, जिसकी खबरें आए-दिन सुनने को मिलती है। उनके परिवार में यह भय बना रहता है कि कब, क्या हो जाए, लेकिन देशभक्ति और रक्षा में अपने जान की बाजी लगाने वाले सैनिकों का एहसान चुका पाना असंभव है। हालांकि, भारत सरकार द्वारा आर्मी के लिए ऐसी बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है, जिससे उनके परिवार को राहत मिलती है। जिनमें से एक सुविधा कैंटीन भी है।
इसके बारे में आप सभी ने अवश्य सुना होगा, लेकिन आप यह भी जानते होंगे कि यहां पर सभी चीज बाकी चीजों की अपेक्षा कम एमआरपी पर मिल जाता है। क्या आपने कभी यह सोचा कि आखिर यहां कम दाम में यानी सस्ते रेट पर कैसे उपलब्ध हो जाता है।
आर्मी कैंटीन (Army Canteen)
सबसे पहले हम आपको यह बता दें कि आर्मी कैंटीन में घर का हर एक सामान मिलता है, जिनमें कपड़े, जूते, घड़ी, साबुन, सर्फ, खाने पीने की चीज आदि शामिल है। इस कैंटीन में सिर्फ आर्मी जवान और विभिन्न रैंज के अफसर ही सामान खरीद सकते हैं। किसी और की इससे सामान खरीदने की अनुमति नहीं मिलती है।
मिलते हैं 2 प्रकार के कार्ड
दरअसल, आर्मी जवान के कैंटीन में सामान सस्ते रेट पर इसलिए मिलता है क्योंकि उन्हें शॉपिंग करने के लिए स्मार्ट कार्ड जारी किए जाते हैं। इसके इस्तेमाल से उन्हें सामान सस्ता मिल जाता है। स्मार्ट कार्ड उन्हें 2 प्रकार के मिलते हैं।
- पहला- ग्रोसरी कार्ड
- दूसरा- लिकर कार्ड
ग्रोसरी कार्ड से आपको घरेलू, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदने की अनुमति होती है, तो वहीं लिकर कार्ड का इस्तेमाल शराब खरीदने के लिए किया जाता है। आर्मी कैंटीन में किसी भी आम इंसान को खरीदारी की अनुमति नहीं होती है। यहां पर सामान इसलिए सस्ता होता है क्योंकि आम जनता द्वारा खरीदे जाने वाले सामानों पर टैक्स पे करना पड़ता है, लेकिन आर्मी जवानों को कैंटीन में मिलने वाले सामानों के लिए केवल 50% टैक्स देना होता है।
सामान मिलता है सस्ता
इसे कैंटीन स्टोर्स डिपार्मेंट कहा जाता है, जहां आप ग्रोसरी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, लिकर, ऑटोमोबाइल, आदि सब एक जगह से ही खरीद सकते हैं। वह भी सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स स्लैब से बिल्कुल आधे दाम पर, इसलिए आर्मी कैंट बाकि अन्य सभी बाजारों से बहुत सस्ता होता है।