तो क्या एक बार फिर मिलेगी देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र की कमान?

Gaurav Sharma
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मुम्बई, डेस्क रिपोर्ट।  महाराष्ट्र में लगभग 2 हफ्ते से चले आ रहे राजनीतिक घमासान ने आखिरकार कल विराम लिया जब शिवसेना के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दिया। उद्धव ने कल रात फेसबुक लाइव पर आकर अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा और विधान परिषद से इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे मुख्यमंत्री पद छोड़ने का जरा भी अफसोस नहीं है।

उद्धव के इस्तीफे को लोगों ने बाला साहब के विचारों की और आम जनता की जीत बताया है। इस्तीफे की जानकारी मिलते ही महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी में खुशी की लहर दौड़ गई और सभी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक नई पारी के लिए बधाइयां देना शुरू कर दिया।

आपको बता दें महाराष्ट्र के इस सियासी संग्राम में आज देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि भाजपा शिवसेना के एकनाथ शिंदे और बाकी बागी विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। जानकारी के मुताबिक सभी बागी विधायक गोवा से महाराष्ट्र पहुंच चुके हैं।

 

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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