भोपाल।
यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज के अंतिम नतीजे शुक्रवार काे घाेषित कर दिए गए। इसमें आईआईटी मुंबई से बीटेक कनिष्क कटारिया ने टाॅप किया है।वही छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से वर्णित नेगी ने 13वीं रैंक प्राप्त की है।खास बात ये है कि नेगी पेशे से इंजीनियर है और उन्होंने पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया में 14 लाख की नौकरी छोड़ने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तैयारी की और परीक्षा देकर 13 वां स्थान प्राप्त किया। अब नेगी आईएएस बनेंगें।
मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित किमसार गांव के वर्णित नेगी को यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली है। उनका कहना है यदि आप ईमानदारी से प्रयास करते हैं तो सफलता निश्चित है। वर्णित के पिता देवेंद्र सिंह नेगी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में हाईस्कूल परसदा के प्रधानाचार्य हैं। मां डॉ. सीमा नेगी बिलासपुर महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। बड़े भाई डॉ. अंकित नेगी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं। घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया है। वर्णित की सफलता से न केवल शहर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में खुशी की लहर है।
पिता का सपना किया पूरा
वर्णित के एक चाचा एनएस नेगी ऊर्जा निगम सिडकुल, हरिद्वार में सहायक अभियंता (मीटर) के पद पर तैनात हैं। दूसरे चाचा एसएस नेगी उत्तराखंड पुलिस में रेडियो निरीक्षक हैं और इस समय हरिद्वार में तैनात हैं। ऋषिकेश निवासी चाचा एनएस नेगी ने बताया कि वर्णित के पिता ने रुड़की विवि (अब आईआईटी) से फिजिक्स में पीजी की परीक्षा पास की थी। उनका सपना आईएएस बनने का था। लेकिन, नहीं बन पाए थे। अब बेटे ने उनका सपना पूरा कर दिया है।
तीसरे अटेप्ट के बाद मिली सफलता
बिलासपुर निवासी वर्णित नेगी के पिता ने कहा कि पिछले साल भी कोशिश की थी।उस समय उसकी रैंकिंग 504 थी उस समय आईएस उसे नहीं मिल पाया था। इंडियन रेलवे के आरपीएफ में वर्तमान में सहायक सुरक्षा आयुक्त के पद पर कार्यरत वर्णित शुरू से ही मेधावी छात्र के तौर पर अपनी प्रतिभा दिखाते रहे हैं और वह अपने जीवन में कुछ विशेष करेंगे। वर्णित के पिता का कहना है कि हम लोगों को पहले से ही यकीन था कि वर्णित जरूर कुछ न कुछ अच्छा करेगा।वह लगातार 14-15 घंटे पढ़ाई करता था, वर्णित तीसरे अटेम्प्ट के बाद यह मुकाम हासिल किया है।
इंजीनियर की नौकरी छोड़ बने आईएएस
वर्ष 2016 में उसने अपने पिता से कहा कि वह पावर ग्रिड की नौकरी छोड़ना चाहता है। कोटा व दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करना चाहता है। पिता ने अनुमति दी। रायपुर में पोस्टिंग होने के बाद भी नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गया।