जिसने किया बाबा का ढाबा को फेमस, उसी पर लगाया बाबा कांता प्रसाद ने धोखाधड़ी का आरोप

Gaurav Sharma
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। राजधानी की साउथ पुलिस में कांता प्रसाद जो कि बाबा के ढाबा के मालिक है उन्होंने यूट्यूबर गौरव वासन के खिलाफ पैसे में हेरा फेरी का मामला दर्ज कराया है।

बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद का आरोप है कि गौरव वासन ने उन्हे सिर्फ दो लाख रुपए का चेक दिया है। कांता प्रसाद बताते है कि हमारे ढाबे पर बहुत सारे ग्राहक नहीं आते है। जो लोग भी आते है वो फोटो खिचवाने के लिए आते है। कोरोना वायरस से पहले हम हर दिन 10 हजार तक कमा लेते थे पर अब 3 हजार से 5 हजार ही कमा पाते है। बाबा का आरोप है कि गौरव वासन ने जानबूझ कर आपना और अपने परिवार वालों की बैंक डिटेल्स दी और हमारे नाम पर एक बड़ी राशि दान के नाम पर एकत्र की।

वहीं इस पूरे मामले पर डीसीपी (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने कहा कि हमें कल शिकायत तो मिली थी और इस बारे में हम पूछताछ कर रहे हैं। पर अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।

अपने उपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए गौरव वासन ने कहा कि उसने कांता प्रसाद के खाते में सभी पैसे ट्रांसफर कर दिए है। गौरव कहता है कि “जब मैंने वीडियो शूट किया, तो मुझे नहीं पता था कि यह बड़ा हो जाएगा। मैं नहीं चाहता था कि लोग बाबा (प्रसाद) को परेशान करें, इसलिए मैंने अपना बैंक विवरण साझा किया था।

वहीं गौरव वासन ने लेनदेन की तीन रसीदें साझा कीं है,  सभी 27 अक्टूबर को – 1,00,000 रुपये के दो चेक और 2,33,000 रुपये और बैंक की एक रसीद। 45,000 रुपये का भुगतान। उन्होंने कहा कि यह तीन दिनों में एकत्रित धनराशि थी। वासन ने फेसबुक पर एक बैंक स्टेटमेंट भी डाला, जिसमें तीन दिनों में जमा कुल धनराशि लगभग 3.5 लाख रुपये है। अन्य दो लेन-देन के बारे में पूछे जाने पर, प्रसाद ने कहा कि वह अपने खाते की जांच नहीं कर पाए हैं। क्योंकि वह अपना फोन नहीं ले जा रहे हैं।

वहीं अन्य यूट्यूबर द्वारा लगाए गए आरोप पर वासन ने कहा कि हमने उन यूट्यूबर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरु कर दी है। कुछ दिन पहले एक यूट्यूबर ने वासन पर 20-25 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया था, जबकि वासन ने इससे इनकार किया था


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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