अपनी ही यूनिवर्सिटी में कुलपति ने लिया दाखिला, MP Breaking के साथ साझा किया अनुभव

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। अगर कोई शिक्षक स्कूल या यूनिवर्सिटी (university) में पढ़ाते है, वहीं शिक्षक द्वारा किसी कोर्स (course) में एडमिशन लेना दिलचस्प बात होती है। लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां विश्वविद्यालय (university) की कुलपति (Vice chancellor) ने अपने ही विश्वविद्यालय के कोर्स में दाखिला लिया है। जी हां आपने सही सुना, मध्यप्रदेश के महू (Mhow) के डॉ. बीआर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (Dr. BR Ambedkar University of Social Sciences) की कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने बतौर छात्रा के रुप में एडमिशन लिया है।

अपने ही विश्वविद्यालय में कुलपति ने लिया दाखिला


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।