देवास : कबीर आश्रम में सेवा की जगह चल रहा था अनैतिक कार्य, प्रशासन ने महिलाओं को कराया मुक्त

Gaurav Sharma
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देवास, अमिताभ शुक्ला। जिले में प्रशासन ने प्रभावी कार्रवाई करते हुए एक आश्रम से पांच मंदबुद्धि व दो सामान्य महिलाओं को मुक्त करवाया हैं। बताया जा रहा हैं कि कबीर आश्रम के नाम से तम्बू में संचालित इस फर्जी आश्रम में कुछ महिलाएं व युवतियां लंबे समय से रह रही थी। अधिकारियों को इनके साथ अनैतिक कृत्य होने की भी शंका हैं, जिसकी अब जांच की जा रही हैं।यह कबीर आश्रम चुना खदान व जामगोद के निकट मिले है जहां पुलिस प्रशासन, तहसीलदार, महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने रेस्क्यू कर संयुक्त कार्रवाई की है।

दरअसल कुछ दिन पूर्व एक गर्भवती युवती को दो महिलाएं जिला अस्पताल में लावारिस अवस्था में छोड़कर चली गई थी। यह युवती मंदबुद्धि होने के साथ मुखबधिर भी थी, जिसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है। बच्ची के प्रति इस युवती का स्नेह और मातृत्व देखकर महिला एवं बाल विकास अधिकारी रेलम बघेल व अन्य अधिकारी बहुत प्रभावित हुए। सभी युवती व उसकी बच्ची को उसके परिवार की तलाश कर उन तक पहुँचना चाहते थे। लेकिन युवती मंदबुद्धि होने के साथ बोल नहीं पाने की वजह से कुछ भी स्पष्ट नही बता पा रहीं थी।

अधिकारियों ने युवती की काउंसलिंग करवाई की वह कहाँ रहती थी, उस स्थान पर पहुचने की कोशिश की। युवती ने जो स्थान बताया वह एक आश्रम निकला। अधिकारियों को इस आश्रम की गतिविधियों पर शक हुआ, तो आगे तफ्तीश की गयी। जिसमें पता चला कि आश्रम में छः और महिलाएं व युवतियां इस तरह की हैं। जिसके बाद जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने रेस्क्यू करते हुए आश्रम से इन सभी युवतियों को मुक्त करवाया। इन युवतियों की काउंसलिंग के बाद अधिकारियों को इनके साथ अनैतिक कृत्य होने की आशंका हैं। जिसकी जांच की जा रहीं हैं।

वहीं एक मंदबुद्धि व मुखबधिर युवती के गर्भवती होने व बच्चे को जन्म देने के मामले में पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म व अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया हैं। साथ ही शिशु व आश्रम संचालक के साथ आश्रम से जुड़े सभी पुरुषों के डीएनए को जांच के लिए पहुंचाया हैं। पुलिस के मुताबिक डीएनए रिपोर्ट आने व जांच पूरी होने के बाद आश्रम आगे की कार्रवाई की जाएंगी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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