नशे में धुत दरिंदे पति ने पत्नी की बेरहमी से पीटकर की हत्या, मौत के बाद पत्नी की आंखें फोड़ी और हड्डियां तोड़ी

Gaurav Sharma
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शिवपूरी, शिवम पाण्डेय। जिले के पिछोर थाना अंतर्गत मानवता को शर्मसार करने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां पर प्रेम प्रसंग के चलते नशे में धुत पति ने पत्नी की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना पिछोर थाना क्षेत्र के क्षेत्र के गरेठा गांव की मंगलवार की सुबह घटी है।

मृतका का नाम रुकमणी लोधी बताया गया है। इधर घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। ग्रामीणों ने बताया कि पति रामेश्वर लोधी अक्सर शराब के नशे में अपनी पत्नी रुक्मणी  के साथ मारपीट करता था। मंगलवार की सुबह भी दोनों पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ और नशे में धुत रामेश्वर लोधी ने उसकी पिटाई शुरु कर दी। अत्यधिक पिटाई से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

महिला की मौत के बाद भी पति का मन नही भरा और उसने हैवानियत दिखाते हुए महिला की आंखे फोड दी और उसकी पसली तोड दी। बताया जा रहा है कि आरोपी रामेश्वर लोधी का किसी दूसरी महिला से प्रेम प्रसंग था। परंतु पत्नि रुकमणी पतिव्रता नारी थी। जो उसकी हर बात को मंजूर करती थी। आरोपी आए दिन पत्नि के साथ मारपीट करता रहता था। परंतु पत्नि ने कभी भी इसपर आपत्ति दर्ज नहीं कराई और वह मारपीट सहन करती रहती। आज भी आरोपी नशे में धुत्त आया और उसने अपनी ही पत्नि की बेरहमी से हत्या कर दी। इस मामले की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को पीएम के लिए भिजवाया। पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया है।

गांव में फल-फूल रहा है शराब का कारोबार

गांव के कई लोगों ने दबी जुबान में बताया कि यहां अब भी शराब बनाने व बिक्री का कारोबार फल-फूल रहा है। कई घरों में बेरोकटोक यह धंधा चल रहा है। इस चलते गांव में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी लगा रहता है। इतना ही नहीं पूर्व में भी इस चलते यहां मारपीट की घटनाएं होती रही है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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