आखिर कौन है Geeta Bhati और क्यों किसान आंदोलन के बीच ट्रेंड कर रहा #गीता_भाटी_का_सैंडल_वापस_करो

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। किसान बिल (Agriculture Bill) के खिलाफ (Against) किसानों (farmers) द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन (protest) का आज 12 दिन है। किसान प्रदर्शन (Farmers Protest) के दौरान कई वीडियो (Video) और तस्वीरें (Photos) सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (Viral) हो रही है। किसानों के समर्थन (Farmers Support) में फिल्म जगत (Bollywood Industry) से लेकर खेल जगत (Sports World) तक के लोग आगे आ रहे हैं। इसी बीच किसानों का समर्थन कर रही एक महिला नेता वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

जिस महिला नेता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उनका नाम गीता भाटी (Geeta Bhati) है और उनका आरोप है कि पुलिस और सरकार ने उनके विरोध को नाकाम करने के लिए उनकी सैंडल चुरा ली है। वीडियो में गीता भाटी (Geeta Bhati )कहती नजर आ रही है कि ‘मैं ठाकुर गीता भाटी (Geeta Bhati )किसान एकता संघ महिला विंग की राष्ट्रीय प्रमुख, पुलिस प्रशासन ने मेरी चप्पल चुराने की साजिश की है, जिससे मैं किसानों के लिए ना लड़ सकूं। लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी। मैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाउंगी। सरकार को मेरी सेंडल वापस करना चाहिए।

गीता भाटी (Geeta Bhati )का ये वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है और खूब वायरल हो रहा है। साथ ही #गीता_भाटी_का_सैंडल_वापस_करो भी ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। #गीता_भाटी_का_सैंडल_वापस_करो को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया कुछ इस तरह है।

https://twitter.com/imanojchauhan/status/1335867198116511744

 

बता दें कि किसानों को जमकर देश भर से समर्थन मिल रहा है। बीते दिन बॉक्सर विजेंद्र सिंह किसान आंदोलन में शामिल होने सिंधु बॉर्डर पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा था कि सरकार या तो किसान बिल वापस ले ले या तो फिर मेरा राजीव गांधी खेल रत्न वापस लें। विजेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो वो अपना राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड वापस कर देंगे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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