Gang rape  : पहले पति को बनाया बंधक फिर पत्नी के साथ किया 17 लोगों ने गैंगरेप, मामला दर्ज

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में लगातार दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे है। वहीं एक बार फिर से मुफ्फसिल थाना (Muffsil police station) क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में महिला के साथ करीब 17 लोगों ने दुष्कर्म की वारदात (Gang rape case) को अंजाम दिया गया है। वहीं महिला पांच बच्चों की मां है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। बता दें कि महिला अपने पति के साथ बाजार से घर की ओर जा रही थी। इसी दौरान कुछ लोगों ने पहले तो महिला के पति को बंधक बना लिया फिर महिला के साथ गैंगरेप की घटना (Gang rape case) को अंजाम दिया है। पीड़ित महिला ने आरोपियों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया है। जिसके आधार पर पुलिस जांच करते हुए आरोपियों की तालश में जुटी हुई है।

घटना की सूचना पर पहुंचे डीआईजी और एसपी

पीड़िता के पति ने बताया कि वह और उसकी पत्नी हर बार की तरह मंगलवार को बाजार से रात में करीब आठ बजे घर लौट रहे थे। इसी दौरान करीब 17 लड़के रास्त में नशे की हालत में खड़े हुए थे। जिनमें से तीन लोगों ने उसे पकड़ लिया, वहीं दो लोग उसकी पत्नी को जबरन झाड़ियों के पीछे ले गए और उसके साथ गलत काम को अंजाम दिया। घटना के बाद सभी आरोपियों ने उन्हें किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी और वहां से फरार हो गए। इस घटना की जानकारी लगते ही डीआईजी (DIG) सुरदर्शन कुमार मंडल एसपी (SP) अंबर लकड़ा थाना पहुंचे। जहां उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी।

गैंगरेप आरोपियों में एक की पहचान

पीड़िता के पति ने कहा कि दुष्कर्म करने वालों में उनकी पत्नी एक आरोपी राम मोहली को पहचानती थी, जबकि बाकी लोग अनजान थे। गैंगरेप की घटना के बाद डीआईजी और एसपी मुफ्फसिल थाना पहुंचे, जहां महिला से पूरी घटना की जानकारी प्राप्त की। पुलिस ने महिला के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। वहीं एक टीम गठित कर आरोपी राम मोहली की तलाश में जुट गई है, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला पाया है। इस संबंध में एसपी ने कहा कि एक आरोपी की पहचान हो गई है, बाकियों की भी जल्द पहचान कर ली जाएगी। सभी आरोपियों को ढूंढने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

खेत के काम से गए थे मायके

पीड़िता गरीब परिवार से आती है। पीड़िता के पति ने कहा कि उनके 5 बच्चे हैं। इन दिनों रबी फसल काटा जा रहा है, जिसके कारण खेतों में धान झड़ाने का काम किया जा रहा है। इसी काम के लिए वह एक महीने पहले ही अपनी पत्नी का हाथ बटाने के लिए उसके मायके आए है। जहां पत्नी के कहने पर मंगलवार की शाम बाजार गए थे, जहां से लौटते समय यह घटना घटी है।

17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

डीआइजी दुमका सुदर्शन कुमार मंडल ने कहा कि पुलिस ने महिला के बयानों के आधार पर 17 लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कर लिया है। बता दें कि पूरी घटना मंगलवार को रात में बाजार से लौटने के दौरान हुई है। पुलिस घटना की सत्यता को लेकर जांच में जुटी है। वहीं आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा- बहू-बेटियां नहीं है सुरक्षित

प्रदेश में घट रही दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर लगातार पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही है। इसी कड़ी में बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने दुमका सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर जंगलराज नहीं करेंगे तब क्या कहेंगे ऐसा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहू-बेटियां बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। यहां दरिंदगी की सारी हदें अब पर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वहशी दरिंदों के मन में बिल्कुल भी कानून का खौफ नहीं देखा जा रहा है। इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार में बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं है। इस तरह अपनी बात रखते हुए उन्होंने जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी कर उन्हें फास्ट ट्रेक कोर्ट से अधिक से अधिक सजा सुनाने की मांग की है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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