इंदौर : रूपचौदस पर कैलाश विजयवर्गीय ने निभाई परंपरा, कांग्रेस और बंगाल सरकार पर साधा निशाना

Gaurav Sharma
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kailash vijayvargiya followed ritual

इंदौर, आकाश धोलपुरे। हर वर्ष धनतेरस (Dhanteras) पर अपनी पुश्तैनी किराना दुकान (Grocery Shop) पर बैठकर एक किराना दुकान विक्रेता की तरह सामान बेचकर परंपरा (Tradition) निभाने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya )ने इस वर्ष रूप चौदस पर लोगो को किराना सामान बेचा। इंदौर के नंदानगर स्थित निवास पर स्थित दुकान ढोल और गाजे बाजो के साथ ग्राहकों का स्वागत भी किया गया।

इस मौके पर विजयवर्गीय ने शहरवासियों, प्रदेशवासियों और देशवासियों को दीपावली (deepawali) पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी। वही बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से बात कर कहा कि कोविड (Covid) जैसी महामारी के बाद भी लोगो मे उत्साह है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल (west bengal) में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हो रही हत्याओं (murder) पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में लगातार हत्याएं हो रही है कल भी एक हत्या हुई है और प्रदेश अध्यक्ष पर भी हमला हुआ है। वही कैलाश विजयवर्गीय कहा कि जो हिंसक राजनीति हो रही है उसके लिये पीएम मोदी भी चिंतित है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा की प्रजातंत्र में हिंसा का जबाव हिंसा से नही दिया जाता और ऐसी हिंसक मानसिकता को समाप्त करने के लिए बलिदान भी देना पड़ता है।

दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र हमारे देश का है और बंगाल में जब तक हिंसा समाप्त नहीं होगी तब तक मिशन अधूरा रहेगा और इसके कारण देश की दुनिया में बदनामी हो रही है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में क्वालिटी एज्युकेशन सहित अन्य विकास कार्यो को लेकर अगले चुनाव में जनता के बीच जाएंगे और मुझे विश्वास है कि एक बड़ा परिवर्तन बंगाल में होगा।

वही सांवेर सहित प्रदेश में बीजेपी की जीत पर विजयवर्गीय ने कहा कि कमलनाथ ने जनता को धोखा दिया था और बीजेपी की राजनीति संस्कार वाली रही है और कभी उनके जैसे हल्के शब्दों का उपयोग बीजेपी ने नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मैं 40 साल से राजनीति में हूं, लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं देखा कि एक मुख्यमंत्री रहा हुआ व्यक्ति दूसरे मुख्यमंत्री को नालायक कहे। उन्होंने प्रदेश में उपचुनाव के दौरान शब्दों की दरिद्रता के चलते कांग्रेस पर सवाल उठाए।

इधर, आगर और डबरा सीट पर बीजेपी के हारने पर विजयवर्गीय ने कहा कि हम समीक्षा करेंगे, वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने ये माना कि मुझे आगर में कुछ दिन पहले टफ फाइट लग रही थी, वही डबरा में आखरी समय में हम कमजोर पड़ गए जिसकी जानकारी कार्यकर्ताओ से जुटाई जाएगी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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