Kidnap : प्यार के पागलपन में युवक ने नाबालिग का किया अपहरण, सीएसपी ने प्रेमिका बनकर की बात, गिरफ्तार

इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंदौर पुलिस (Indore Police) ने बच्चे के अपहरण (Kidnap) के मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक को खरगोन के जंगल (forest) से धरदबोचा है। आरोपी ने बच्चे की मौसी की बेटी से प्रेम संबंध (Love Relation) को लेकर अपहरण किया था। घटना इंदौर के चन्दन नगर इलाके की है, जहां प्रेम (Love) की सनक ने एक युवक को इतना पागल (Crazy) कर दिया कि उसने जिस महिला से प्यार किया था वो उसे छोड़कर चली गई तो महिला की मौसी के बेटे का अपहरण (Kidnap) कर लिया। बाद में पुलिस की चालाकी और तकनीकी मदद के चलते अपह्रत हुए बच्चे को सकुशल आरोपी के चंगुल से छुड़वा लिया है।

पुलिस की माने तो बच्चे की महिला ने गुरूवार को चंदनगर  थाने  पहुंचकर बच्चे की गुमशुदगी के लिए रिपोर्ट दर्ज करवाने का प्रयास किया, लेकिन थाना प्रभारी ने जब उससे कुछ समय इंतज़ार करने को कहा तो पता चला कि घटना चंदन नगर नही बल्कि गांधी नगर थाना क्षेत्र की है। लिहाजा पुलिस ने मामले में महिला को तुरंत गांधी नगर थाना पहुंचाया।

इस दौरान आरोपी का फोन अपहरण किये गए नाबालिग की माँ के पास पहुंचा और उसने शर्त रखी कि जब तक महिला की बहन की बेटी उसके पास नहीं आ जाती तब तक वो बच्चे को नही छोड़ेगा। इस मामले की जानकारी पुलिस को मिली तो तत्काल सीएसपी सौम्या जैन सक्रिय हुई और उन्होंने मासूम को कुछ न हो इसके लिए दीपक नामक आरोपी से उसकी प्रेमिका बनकर बात की।

इधर, पुलिस ने आरोपी दीपक के मोबाइल को ट्रेस किया तो उसकी लोकेशन खरगोन की निकली और फिर मौके पर पहुंची पुलिस टीम के शामिल महिला आरक्षक ने बच्चे की मौसी की बनकर बात की और आरोपी से मिलने पहुंची। इसी दौरान पुलिस ने आरोपी को धरदबोचा और बच्चे को सकुशल बरामद किया। एसपी पश्चिम महेशचंद्र जैन ने पूरी घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को नकद इनाम दिया।

वही सीएसपी सौम्या जैन के आइडिये की तारीफ भी की। बता दे कि आरोपी का जिस महिला से संबंध था वो अपने पति को छोड़ चुकी है और वो कुछ दिन तक आरोपी के साथ भी रही है, लेकिन आरोपी की हरकतों के चलते उसने आरोपी को छोड़ दिया था। जिसके बाद आरोपी प्रेम में पागल हुआ और उसने मौसेरे भाई का अपहरण कर लिया।

 


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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