राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने पेश की मानवता की मिसाल, घायल पति-पत्नी को भिजवाया अस्पताल

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। सड़क पर खून से लथपथ बाइक सवार दंपत्ति को देख नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने अपना वाहन रुकवाया और घायलों के संबंध में तत्काल पुलिस को सूचना देने के बाद उन्हें अपने वाहन में बैठाया। लेकिन तभी एफआरवी और एम्बूलेंस के आ जाने के कारण उन्हें न केवल अस्पताल पहुंचाया, बल्कि डॉक्टरों व जिला प्रशासन को इनके समुचित और बेहतर इलाज के लिए निर्देशित भी किया।

मध्यप्रदेश सरकार के नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने मानवता का ऐसा परिचय सोमवार की देर शाम उस समय दिया, जब वह अपने सरकारी वाहन और कारकेड के साथ भोपाल से ग्वालियर लौट रहे थे। तभी राधौगढ़ में जेपी कॉलेज के सामने उन्होंने सड़क पर एक बाइक को पड़ी देखा। मौके पर लोग भीड़ लगाकर खड़े थे। उन्होंने तत्काल वाहन रुकवाया और उतरकर देखा तो पाया कि कोई अज्ञात वाहन बाइक सवार दंपत्ति को टक्कर मारकर भाग गया है।

पति-पत्नि खून से लथपथ होकर मौके पर तड़प रहे थे। कानूनी झंझट से बचने के लिए कोई भी उन्हें इलाज के लिए तत्काल अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं था। इसके बाद मंत्री श्री भदौरिया ने लोगों की मदद से तुरंत गुना कंट्रोल रूम और डायल-100 को अवगत कराया और उसके बाद घायल दंपत्ति को तुरंत इलाज के लिए अपने सरकारी वाहन में बिठवाया। जैसे ही सरकारी वाहन आगे बढ़ा, तभी वहां एफआरवी आ गई और उसके पीछे एम्बूलेंस भी।

इसके मंत्री श्री भदौरिया ने एम्बूलेंस के साथ मौजूद पैरामेडिकल स्टाफ से दोनों की जांच कराई और उन्हें एम्बूलेंस से अस्पताल के लिए रवाना किया। साथ ही वे खुद भी अस्पताल पहुंचे। हादसे में घायल महिला विमलेश परिहार की हालत चिंताजनक होना बताई गई है। वह गुना जिले के बांसखेड़ी की रहने वाली है। श्री भदौरिया ने अस्पताल में डॉक्टरों को दंपत्ति का बेहतर और समुचित इलाज करने के निर्देश भी दिये। मंत्री की मानवता को देख वहां मौजूद लोगों ने कहा कि यह तो वास्तव में एक सच्चे जनसेवक है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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