भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार (central Government) द्वारा आयुर्वेद चिकित्सकों (Ayurveda Doctors) को भी सर्जरी (Surgery) करने की मंजूरी (permission) दी गई थी, जिसके बाद इस फैसले का विरोध किया जा रहा है। आयुर्वेद चिकित्सकों (Ayurveda doctors) को केंद्र सरकार से सर्जरी करने की मिली मंजूरी को मिक्सोपैथी (Mixopathy) का नाम दिया गया है। इस मिक्सोपैथी (Mixopathy) को लेकर देश भर के एलोपैथिक डॉक्टर (Allopathic doctor) विरोध कर रहे है। मंगलवार को देशभर में मेडिकल के छात्रों द्वारा मिक्सोपैथी (Mixopathy) को लेकर राष्ट्रव्यापी शांतिपूर्ण विरोध किया गया। छात्रों का कहना है कि वह किसी भी तरह से इस मिक्सोपैथी (Mixopathy) नाम की खिचड़ी से देश के लोगों का बचा के रहेंगे।
इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के 21 कॉलेज के लगभग 2000 छात्रों ने भी मरीजों को एक अच्छी स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए जुगाड़ की नीति का विरोध किया जा रहा है और इसके खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। साथ ही प्रदेश की राजधानी भोपाल (bhopal) में IMA भोपाल और IMA MSN ने इस मिक्सोपैथी (Mixopathy) को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की गई। साथ ही दिल्ली में छात्र नेता डॉ मृत्युंजय गुप्ता की गिरफ्तारी को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि देश की राजधानी दिल्ली में सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए पांच विभिन्न संस्थाओं के 20-20 डॉक्टर ने शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन दर्ज कराया, लेकिन इस प्रदर्शन के दौरान छात्र नेता डॉ मृत्युंजय गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया।
IMA-MSN ने कहा कि देश को खोखला होने से बचाने के लिए हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह सीसीआईएम अधिसूचना को वापस ले ले। साथ ही नीति आयोग कि चारों समितियां जिनका उद्देश्य सभी स्वास्थ्य प्रणालियों को मिश्रित करना है उसका विघटन किया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो आई एम एएसएसएन इस नतीजे पर पहुंचा है कि अगर समय रहते हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो विवश होकर आगामी 11 को सभी ओपीडी सेवाएं रोकनी पड़ेगी और यह कदम देश हित के लिए लिया जाएगा। वहीं राज्य अध्यक्ष डॉक्टर प्रभांशु रंजन का कहना है कि हम सभी स्वास्थ्य प्रणालियों का सम्मान रुप से सम्मान करते हैं पर इस मिश्रण से हमें आपत्ति है।