तो इसलिए 60 घंटे के भीतर किया गया था अभिनंदन को रिहा, भारत से डर गया था पाकिस्तान

Pakistan was feared of India's retaliation

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। फरवरी 2019 में भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) गतिरोध के दौरान  विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान (wing commander abhinandan varthaman) को एयर स्ट्राइक (Air strike) के दौरान विमान में लगी गोली के बाद पाकिस्तान(Pakistan) ने उन्हें बंदी बना लिया था। जिसके बाद भारत द्वारा इस्लामाबाद पर दबाव बनाया गया था और  60 घंटे के अंदर विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान  को रिहा कर दिया गया था। इसी मामले  को लेकर अब पकिस्तान में सियासत गर्मा गई है, जिसमें पकिस्तान का भारत(India) और मोदी सरकार(Modi Government) के प्रति डर देखने को मिला है।

दरअसल , बीते दिन पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने संसद में पाकिस्तान के भारत के प्रति डर को लेकर खुलासा किया है। पूर्व विदेश मंत्री ने खुलासा करते हुए कहा कि भारत के डर के चलते साल 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को छोड़ा गया था।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।