तो इसलिए 60 घंटे के भीतर किया गया था अभिनंदन को रिहा, भारत से डर गया था पाकिस्तान

Gaurav Sharma
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Pakistan was feared of India's retaliation

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। फरवरी 2019 में भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) गतिरोध के दौरान  विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान (wing commander abhinandan varthaman) को एयर स्ट्राइक (Air strike) के दौरान विमान में लगी गोली के बाद पाकिस्तान(Pakistan) ने उन्हें बंदी बना लिया था। जिसके बाद भारत द्वारा इस्लामाबाद पर दबाव बनाया गया था और  60 घंटे के अंदर विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान  को रिहा कर दिया गया था। इसी मामले  को लेकर अब पकिस्तान में सियासत गर्मा गई है, जिसमें पकिस्तान का भारत(India) और मोदी सरकार(Modi Government) के प्रति डर देखने को मिला है।

दरअसल , बीते दिन पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने संसद में पाकिस्तान के भारत के प्रति डर को लेकर खुलासा किया है। पूर्व विदेश मंत्री ने खुलासा करते हुए कहा कि भारत के डर के चलते साल 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को छोड़ा गया था।

 

वहीं  पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सरदार अयाज सादिक(Sardar Ayaz Sadiq) ने बताया कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने फरवरी 2019 में एक बैठक के दौरान कहा था कि अगर विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा नहीं किया गया, तो भारत हमला करेगा। सादिक ने कुरैशी के साथ हुई बैठक में माहौल के बारे में बताते हुए कहा कि सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा के ‘पैर कांप रहे थे’ और  ‘पसीना’ बह रहा थे।

उन्होंने कहा कि “मुझे याद है कि शाह महमूद कुरैशी उस बैठक में थे जिसमें इमरान खान ने शिरकत करने से इनकार कर दिया था और सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा कमरे में आए थे, उनके पैर काँप रहे थे और उन्हें पसीना आ रहा था। विदेश मंत्री ने कहा कि भगवान की खातिर अभिनन्दन को रिहा कर दो नहीं तो 9 बजे भारत पाकिस्तान पर हमला कर देगा।

सादिक ने आगे भारतीय दबाव के लिए ‘घुटने टेकने’ को लेकर सरकार पर हमला किया । सादिक ने कहा कि विपक्ष ने कश्मीर और अभिनंदन सहित सभी मुद्दों पर सरकार का समर्थन किया था, लेकिन अब वह आगे कोई भी समर्थन करने को लेकर तैयार नहीं है।

वहीं इस खुलासे के बाद गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय सेना, सरकार और देश के नागरिकों के प्रति उनका क्या रवैया है। कांग्रेस के शहजादे को भारत की किसी भी चीज पर विश्वास नहीं है, चाहे वह सेना हो, सरकार हो या हमारे लोग हों। तो वे अपने ‘सबसे भरोसेमंद देश’ पाकिस्तान की ही सुन लें। उम्मीद है कि अब तो उनकी आंखें खुलेंगी…

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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