Suicide – मैं परिवार पर बोझ नहीं बन सकती पर पढ़ाई बिना भी नहीं रह सकती, इतना कह कर बुझ गया एक उज्जवल चिराग

Gaurav Sharma
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तेलंगाना,डेस्क रिपोर्ट। देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के प्रसिद्ध लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वुमन (Shri Ram College for Women) की छात्रा ने अपने गृहनगर रंगारेड्डी (Rangareddy) में आत्महत्या (Suicide) कर ली है। मृतक छात्रा ने एक सुसाइड (Suicide )नोट (Note) छोड़ा है जिसमें उसने बताया है कि वित्तीय कठिनाइयों (Financial Crises) के चलते वो मौत को गले लगा रही है।

बता दें कि मृतक ऐश्वर्या रेड्डी (Aishwarya Reddy) बीएससी गणित (ऑनर्स) (B.Sc Maths) की पढ़ाई कर रही थी। पुलिस के अनुसार मृतक छात्रा ने तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के शादनगर में अपने घर पर फांसी लगा कर अपनी जान दे दी। वहीं परिवार का पूरे मामले को लेकर कहना है कि मृतक ऐश्वर्या एक नोट छोड़ के गई है, जोकि तेलुगु में लिखा है। नोट में एश्वर्या ने लिखा है कि उसका सपना आईएएस बनने का है, वहीं मार्च में कोरोना वायरस के कारण लगे लॉक डाउन के चलते वो घर वापस आ गई थी, लेकिन वो किसी भी तरह से घर के लिए बोझ नहीं बनना चाहती थी।

अपने सुसाइड नोट (Suicide Note) में ऐश्वर्या ने लिखा है कि “कोई भी मेरी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं है। मैं परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती हूं। मैं पढ़ाई के बिना भी नहीं रह सकती, मैंने इसके बारे में बहुत सोचा और यह [मृत्यु] मेरे लिए एकमात्र रास्ता था।

Suicide - मैं परिवार पर बोझ नहीं बन सकती पर पढ़ाई बिना भी नहीं रह सकती, इतना कह कर बुझ गया एक उज्जवल चिराग

बता दें कि मृतक ऐश्वर्या के पिता पेशे से ऑटो मैकेनिक है जिनका नाम श्रीनिवास रेड्डी, वहीं उसकी मां सुमति पेशे से दर्जी है।  ऐश्वर्या की बड़ी बहन को स्कूल छोड़ना पड़ा क्योंकि परिवार दोनों के लिए शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकता था।

वहीं मृतक ऐश्वर्या के पिता कहते है कि उन्होंने ऐश्वर्या की पढ़ाई के लिए अपने घर को गिरवी रखने के बाद 2 लाख रुपये का कर्ज लिया था, साथ ही सोने के गहने भी गिरवी रख दिए थे, जिससे परिवार का आर्थिक संकट और बढ़ गया था।

मृतक ऐश्वर्या के परिवार ने बताया कि वो महज 19 साल की थी। वो राजकीय कक्षा 12 की परीक्षा की टॉपर थी और मेरिट के आधार पर उसने दिल्ली के श्री राम कॉलेज फॉर वुमन में सीट हासिल की थी। वह सरकार की ‘इंस्पायर’ छात्रवृत्ति की प्राप्तकर्ता थी, जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित किया गया था।

आगे ऐश्वर्या के परिवार ने बताया कि वो तनाव में थी क्योंकि उसे दिल्ली के हॉस्टल को अक्टूबर-अंत तक खाली करने के लिए कहा गया था। ये बात उससे उस समय की गई थी जब वो अपनी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए लैपटॉप जुगाड़ने के लिए कोशिश कर रही थी। मृतक के कई बार अनुरोध करने पर उसे 7 नवंबर तक की मोहलत दी गई थी।

परिवार ने बताया कि मृतक दिल्ली जाने के बारे में सोच रही थी। इसी दौरान लैपटॉप के अभाव में वो मोबाइल का उपयोग कर अपनी ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रही थी। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और ऐश्वर्या के लिए एक सुर में न्याय की मांग उठ रही है।

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) रंगा रेड्डी के जिला अध्यक्ष डी प्रशांत ने कहा, ‘इस महामारी के बीच, केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पिछले छह महीनों से किसी भी राष्ट्रीय फैलोशिप का वितरण नहीं कर रही है। इसने छात्रों के जीवन को खतरे में डाल दिया है, और इस स्थिति को जन्म दिया है कि उज्ज्वल छात्र अभाव के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे है। संघ ने इसे ‘संस्थागत हत्या’ करार देते हुए ऐश्वर्या और उनके परिवार के लिए न्याय की मांग की है।

ऐश्वर्या की आत्महत्या को लेकर लोगों के रिएक्शन

https://twitter.com/soumya7041997/status/1325624787524153344

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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