इंदौर में 85 जगह पर जला तृणमूल और ममता बनर्जी का पुतला, बंगाल की घटना पर बीजेपी में जमकर आक्रोश

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। पश्चिम बंगाल में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर हुए हमले को लेकर मध्यप्रदेश में बीजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं में जमकर आक्रोश है। इंदौर में तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ पश्चिम बंगाल के टीएमसी कार्यकर्ताओ द्वारा किये गए हमले को लेकर नारेबाजी की बल्कि शहर के सभी 85 वार्ड में विरोधस्वरूप पुतला फूंक दिया।

दरअसल, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दो दिन के दौरे पर पश्चिम बंगाल में सियासी बवाल मच गया और डायमंड हार्बर जाते वक्त जेपी नड्डा के काफिले पर पत्थर फेंके गए। इस दौरान कार्यकर्ताओं पर लाठी-डंडे से हमला भी किया गया काफिले में बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे उनकी गाड़ी के शीशे भी तोड़े गए।

जिसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के गृहनगर इंदौर में बीजेपी कार्यकर्ता और नेता सड़को पर उतर आए। शहरभर में किये गए विरोध प्रदर्शन के दौरान महिला कार्यकर्ताओ ने ममता और तृणमूल को चप्पले दिखाई तो किसी कार्यकर्ता ने सांकेतिक बन्दूक से निशाना साधा। शहर के छावनी, राजबाड़ा क्षेत्र से लेकर पाटनीपुरा, नंदानगर सहित समूचे शहर में टीएमसी और ममता के पुतले फूंके गए।

विरोध के दौरान बीजेपी के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता सरकार बौखला गई है और वहां लोकतंत्र नही बल्कि खून तंत्र चल रहा है और इसी का परिणाम है कि सैंकड़ो बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या ममता सरकार ने करवा दी है। वही आज हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने कहा ममता बैनर्जी बंगाल में फांसीवाद को बढ़ावा दे रही है। बीजेपी विधायक ने कहा कि टीमसी का जनाधार खिसकता देखकर ममता बैनर्जी आतंक का सहारा ले रही है।

फिलहाल, इंदौर में बीजेपी कार्यकर्ताओं का गुस्सा उफान पर है और ये ही वजह है कि विरोध स्वरूप नारेबाजी कर बीजेपी कार्यकर्ताओ ने इंदौर में जमकर हंगामा मचाया।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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