उज्जैन।
सावन का महिना चल रहा है और नेताओं का उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल के दर पर पहुंचने का सिलसिला जारी है।इसी कड़ी में आज मंगलवार को बाबा का आर्शीवाद लेने बीजेपी की दिग्गज नेत्री उमा भारती महाकाल मंदिर पहुंची जहां उनका ड्रेस कोड को लेकर पुजारियों से विवाद हो गया। जिस पर उमा भारती ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि अगली बार आऊंगी तो साड़ी पहनकर आउंगी। अगर पुजारी जी बहन समझकर साड़ी देते तो सम्मानित अनुभव करती।।
दरअसल, उमा भारती साध्वियों की ड्रेस अचला धोती पहनकर गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन कर रही थीं, लेकिन नियम के मुताबिक गर्भगृह में प्रवेश के दौरान महिलाएं साड़ी में और पुरुष धोती और सोला पहनकर ही प्रवेश कर सकते है, जिस पर मंदिर के पुजारियों और और अभा पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आपत्ति जाहिर कर दी। जिस पर उमा ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि मुझे पुजारियों द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड पर कोई आपत्ति नहीं है, मैं जब अगली बार मंदिर में दर्शन करने आऊंगी तब वह यदि कहेंगे तो मैं साड़ी भी पहन लूंगी। मुझे तो साड़ी पहनना बहुत पसंद है तथा मुझे और खुशी होगी यदि पुजारीगण ही मुझे अपनी बहन समझकर मंदिर प्रवेश के पहले साड़ी भेंट कर दें मैं बहुत सम्मानित अनुभव करूंगी।
उमा ने कहा कि उज्जैन में महाकाल स्वयं अपनी शक्ति से तथा यहां के पुजारियों की परंपराओं के प्रति निष्ठा के कारण बने हुए हैं।यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि महाकाल के पुजारी युद्ध कला में भी पारंगत हैं वह महाकाल के सम्मान की रक्षा के लिए जान न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं।ऐसे महान परंपराओं के रक्षकों की हर आज्ञा सम्मान योग्य है उस पर कोई विवाद नहीं हो सकता।