केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 23 से 25 अक्टूबर तक राजस्थान के जैसलमेर दौरे पर रहेंगे। यह दौरा सामरिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार जैसलमेर में भारतीय सेना की ‘आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस’ आयोजित की जा रही है। इस कॉन्फ्रेंस में देश की पश्चिमी सीमा की सुरक्षा व्यवस्था, आधुनिक युद्ध की रणनीतियों और तकनीकी सुधारों पर गहन चर्चा की जाएगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जैसलमेर दौरा
सेना के शीर्ष अधिकारी इस उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगे। कॉन्फ्रेंस का मुख्य विषय ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म्स’ रखा गया है, जिसके तहत सेना में चल रहे ढांचागत और तकनीकी सुधारों की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही आने वाले वर्षों में देश को जिन सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उनसे निपटने के लिए रणनीति तय की जाएगी। यह बैठक भारतीय सेना के भविष्य के आधुनिकीकरण की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

दौरे के दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोंगेवाला सीमा चौकी का दौरा करेंगे। यहां वे 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वह सीमा पर तैनात जवानों से मुलाकात करेंगे और उनकी ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लेंगे। रक्षा मंत्री को सेना की नई तकनीकी और ऑपरेशनल क्षमताओं का भी प्रदर्शन दिखाया जाएगा।
कई विकास परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन
राजनाथ सिंह जैसलमेर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। वे आर्मी वॉर म्यूजियम का दौरा करेंगे और ‘शौर्य पार्क’ व ‘कैक्टस पार्क’ का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा, वे सेना के गौरवशाली इतिहास और वीरता की गाथाओं पर आधारित एक नए ‘लाइट एंड साउंड शो’ का शुभारंभ भी करेंगे। यह शो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बनेगा।
रक्षा मंत्री के तीन दिवसीय दौरे को देखते हुए जैसलमेर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सेना और स्थानीय प्रशासन ने संयुक्त रूप से सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस दौरान शहर में यातायात और भीड़-नियंत्रण के विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि कार्यक्रम सुचारु और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।










