Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के महत्त्वपूर्ण व्यक्ति में से एक थे। बता दें कि वे मौर्य साम्राज्य के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राजनीतिक सलाहकार और मंत्री थे। उन्हें भारतीय राजनीति और राजनीतिक विचारधारा का गुरु माना जाता है। उन्होंने ‘अर्थशास्त्र’ और ‘नीतिशास्त्र’ की रचना की थी। जिसमें उन्होंने समाज के हर पहलुओं पर चर्चा की थी। उनकी विचारधारा आज भी महत्त्वपूर्ण है और लोगों के बेहद काम आती है। इसी कड़ी में आज हम आपको इसके एक अध्याय के बारे में विस्तार से आपको बताएंगे।
बता दें कि प्रकृति किसी भी इंसान के लिए शिक्षक हो सकती है। दरअसल, हमारे चारों ओर जो भी हो रहा होता है, उसमें हमें कुछ सीखने को ही मिलता है चाहे वो वस्तु के रुप में हो, प्राकृतिक प्रक्रिया हो या फिर जीवन के विभिन्न पहलु हो। वहीं, जब हम यह समझ लेते हैं कि इन सबसे हम कुछ भी सीख सकते हैं तो हम अपने जीवन में नई सोच और नए अनुभव प्राप्त करते हैं। इसी क्रम में आज हम आपको बताते हैं कि आप जानवरों से भी कुछ खास गुण सीख सकते हैं, जिससे आप सफलता की ओर अग्रसर कर पाएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…
गधा
शिक्षा हमें अनेक रूपों में मिल सकती है। ऐसे में गधे से भी हमें कुछ सीखने का अवसर मिल सकता है। बता दें कि जीवन में जो सीखना होता है, वह हम कहीं से भी सीख सकते हैं। चाणक्य के अनुसार, गधे की समझदारी और उसकी सजगता भी हमें अनेक बातें सिखा सकती हैं।
कौआ
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कौआ से भी हम बहुत कुछ सीख सकते हैं जो हमेशा सतर्क और चतुर होता है। इससे हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने आसपास की स्थितियों में सतर्क रहना चाहिए।
कुत्ता
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुत्ते की वफादारी और चौकन्ना होकर सोने की बात व्यक्ति को जीवन में संजीवनी गुण देती हैं। वफादारी और संवेदनशीलता हर रिश्ते में महत्त्वपूर्ण होती हैं। समय पर जागरूकता और सतर्कता हमें सुरक्षा और सफलता की दिशा में मदद करती है।
शेर
आचार्य चाणक्य के अनुसार, शेर की ताकत और साहस को सफलता के संदर्भ में उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है। शेर की गुहार, उसकी विशेषता और ताकत हमें यह सिखाती है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें अपनी क्षमताओं को सही समय पर उपयोग में लाना चाहिए।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)