Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार हर व्यक्ति को इन 3 चीजों से हमेशा बचना चाहिए, जीवन में आ सकती है परेशानी

चाणक्य नीति के अनुसार, अति सुंदर होने के कारण सीता का हरण हुआ, अत्यंत अहंकार के कारण रावण मारा गया, अत्यधिक दान देने के कारण बालि अपना सबकुछ गवा बैठा, इसलिए हर व्यक्ति को अति से बचना चाहिए।

Chanakya Niti : चाणक्य का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे तक्षशिला विश्वविद्यालय के छात्र थे, जहां उन्होंने वेद, साहित्य, दर्शन और राजनीति की शिक्षा प्राप्त की। चाणक्य को राजनीति और अर्थशास्त्र में गहरी रुचि थी। उनकी सबसे महत्वपूर्ण रचनाओं में से एक “अर्थशास्त्र” है, जो राजनीति, अर्थव्यवस्था और राज्य प्रबंधन पर आधारित एक व्यापक ग्रंथ है। इस ग्रंथ में उन्होंने राज्य की नीतियों, प्रशासन, कर संग्रह, कानून और न्याय, विदेशी संबंध और सैन्य रणनीति पर विस्तृत रूप से लिखा है। बता दें कि उन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। चाणक्य ने नंद वंश के अत्याचारी राजा घनानंद को हटाने और मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को प्रशिक्षित किया और उन्हें राजा बनाने में मदद की। चाणक्य को उनकी बुद्धिमानी, धैर्य, और दृढ़ संकल्प के लिए जाना जाता है। वे एक कठोर और प्रबल विचारक थे, जो अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे। उनके विचार और नीतियां को आज भी नेताओं, मंत्रियों द्वारा अपनाया जाता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति में बताई गई कुछ बातों को बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार हर व्यक्ति को इन 3 चीजों से हमेशा बचना चाहिए, जीवन में आ सकती है परेशानी

चाणक्य नीति के अनुसार, अति सुंदर होने के कारण सीता का हरण हुआ, अत्यंत अहंकार के कारण रावण मारा गया, अत्यधिक दान देने के कारण बालि अपना सबकुछ गवा बैठा, इसलिए हर व्यक्ति को अति से बचना चाहिए। चाणक्य नीति में “अति” या अतिरेक से बचने पर विशेष जोर दिया गया है। चाणक्य के अनुसार, किसी भी चीज की अधिकता चाहे वह गुण हो या अवगुण हानिकारक हो सकती है।

अति सुंदरता

सीता की अत्यधिक सुंदरता के कारण रावण ने उनका हरण किया। आचार्य चाणक्य के अनुसार, अत्यधिक सुंदरता विपत्तियों का कारण बन सकती है।

अति अहंकार

रावण अत्यधिक अहंकार और गर्व का प्रतीक था। उसकी शक्ति और ज्ञान के बावजूद उसका अहंकार और दूसरों का अपमान उसकी मृत्यु का कारण बना। दरअसल, अत्यधिक अहंकार विनाशकारी हो सकता है। इसलिए विनम्रता को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए।

अत्यधिक दान

बालि ने अत्यधिक दान दिया, जिससे उसकी शक्ति और संपत्ति खत्म हो गई। अत्यधिक दान का अर्थ यह नहीं कि उसे बिना सोचे-समझे दिया जाए, बल्कि दान को उचित मात्रा में और सही समय पर करना चाहिए।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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