Chanakya Niti के अनुसार इन चीजों का कर दें त्याग, जीवन के हर कदम पर होगा लाभ

चाणक्य नीति के अनुसार, स्वाद छोड़ दो तो शरीर को लाभ है, विवाद छोड़ दो तो संबंधों को लाभ है और व्यर्थ की चिंता छोड़ दो तो पूरे जीवन को लाभ है।

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य प्राचीन भारतीय शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, न्यायविद और शाही सलाहकार थे। उन्हें विष्णुगुप्त, कौटिल्य या फिर चाणक्य के नाम से भी जाना जाता है। चाणक्य को ‘अर्थशास्त्र’ और ‘चाणक्य नीति’ जैसे ग्रंथों के रचयिता के रूप में भी जाना जाता है। चाणक्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को नंद वंश के राजा घनानंद के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार किया और उन्हें सम्राट बनने में मदद की। चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को शिक्षित किया और उनके मुख्य सलाहकार बने। उनके कुशल रणनीतिक और प्रशासनिक ज्ञान ने मौर्य साम्राज्य को एक मजबूत और समृद्ध राज्य बनाया।

Chanakya Niti के अनुसार इन चीजों का कर दें त्याग, जीवन के हर कदम पर होगा लाभ

चाणक्य नीति के अनुसार, स्वाद छोड़ दो तो शरीर को लाभ है, विवाद छोड़ दो तो संबंधों को लाभ है और व्यर्थ की चिंता छोड़ दो तो पूरे जीवन को लाभ है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में और अधिक विस्तार से बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

स्वाद छोड़ दो तो शरीर को लाभ

  • चाणक्य नीति के अनुसार, यदि हम अनावश्यक स्वादों और लालसाओं से दूर रहते हैं, तो यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। साधारण और पौष्टिक आहार से शरीर स्वस्थ रहता है और बीमारियों से बचाता है।
  • उदाहरण: जंक फूड, मिठाई और अन्य अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का सेवन कम करके, हम मोटापा, शुगर, हाई बल्डप्रेशर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।

विवाद छोड़ दो तो संबंधों को लाभ

  • आचार्य चाणक्य के अनुसार, यदि हम छोटे-मोटे विवादों और झगड़ों से बचते हैं, तो हमारे संबंध मजबूत और स्थायी बने रहते हैं। विवाद से बचने से हम अपने प्रियजनों के साथ स्नेह और विश्वास बनाए रख सकते हैं।
  • उदाहरण: छोटी-मोटी बातों पर झगड़ने की बजाय हम समझ और बातचीत का रास्ता अपनाकर पारिवारिक और दोस्ती के रिश्ते को बेहतर बना सकते हैं।

व्यर्थ की चिंता छोड़ दो तो पूरे जीवन को लाभ

  • चाणक्य नीति के अनुसार, अगर हम अनावश्यक चिंताओं और फिक्रों से दूर रहते हैं, तो हमारा जीवन शांतिपूर्ण और सुखद हो सकता है। अनावश्यक चिंता से मानसिक तनाव बढ़ता है और जीवन में खुशहाली की कमी हो जाती है।
  • उदाहरण: भविष्य की चिंताओं और असफलताओं के डर से बचकर हम वर्तमान में जी सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक ऊर्जा, लगन और उत्साह से काम कर सकते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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