Chanakya Niti : चाणक्य भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों में से एक हैं। वह एक प्रमुख गुप्त साम्राज्य के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राजनीतिक सलाहकार और मंत्री थे, जिन्हें चाणक्य या कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। चाणक्य का जन्म लगभग 350 ईसा पूर्व के आस-पास हुआ था। वे एक शिक्षाविद और राजनीतिज्ञ थे। चाणक्य ने अपनी ग्रंथ “अर्थशास्त्र” में राजनीति, आर्थिक नीति और सामाजिक व्यवस्था के बारे में महत्वपूर्ण सिद्धांत और मार्गदर्शन प्रस्तुत किए। इसके अलावा, उन्होंने चाणक्य नीति की भी रचना की थी, जिसमें उन्होंने समाज के हर पहुलओं को समझाया था जो कि आज भी लोगों का मार्गदर्शन करता है।
आज हम आपको चाणक्य नीति के अनुसार, ऐसे दोस्तों के लक्षण बताएंगे जो कि आस्तीन के सांप के मुहावरे को सही साबित करते हैं। दरअसल, कई दफा ऐसा होता है कि हम जिसे सबसे करीबी दोस्त समझते हैं वहीं हमारी बर्बादी के रास्ते तैयार करते हैं जो हमारी जिंदगी को तबाह कर सकता है। इसलिए समय रहते ऐसे दोस्तों की पहचान करें और तत्काल उनसे दूरी बनाएं। आइए जानते हैं विस्तार से…
बुराई
जब कोई दोस्त के बर्ताव में ऐसा व्यवहार होता है जिसमें वह आपकी खूबियों की प्रशंसा करते हैं लेकिन पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं, तो यह आपकी दोस्ती के लायक नहीं होता। ऐसे लोग अपना मतलब साधने के लिए कहीं भी आपका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आप बड़ी मुश्बित का भी शिकार हो सकते हैं जो आपको मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए समय रहते उनसे दूर हो जाएं।
गॉसिप
लोग जिन्हें गॉसिप करना पसंद होता है और दूसरों के सामने किसी की भी बुराई करने से पीछे नहीं हटते, वे आमतौर पर विश्वास के पात्र नहीं होते। इसलिए आपको सावधान रहने की आवश्यकता होती है। ऐसे लोगों से अपनी व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारी साझा नहीं करना चाहिए। ऐसे दोस्तों से दूरी बना लें नहीं तो यह आपके जीवन में परेशानी खड़ी कर सकते हैं। चाणक्य नीति के अनुसार, यदि वो आपके सामने किसी और की बुराई कर रहा है तो निश्चित है कि दूसरों के सामने आपकी भी बुराई अवश्य ही करता होगा।
मुश्किल समय
असली दोस्तों की पहचान संकट या मुश्किल घड़ी में होती है। जब आपको समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो सच्चे दोस्त अपनी सामर्थ्य और समर्पण के साथ आपके पास होते हैं, वहीं आपके सच्चे मित्र होते हैं। ऐसे लोग जो केवल आपके सुख के समय आपके पास होते हैं और संकट की घड़ी में साथ नहीं देते, वे वास्तविक दोस्त नहीं होते हैं। इसलिए ऐसे मित्र को पहचानना सीखें।
प्रतिकूल व्यवहार
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस प्रकार सांप-नेवले, बकरी-बाघ, हाथी-चींटी, शेर-कुत्ते की कभी दोस्ती नहीं हो सकती उसी प्रकार व्यक्तियों का विपरीत स्वभाव और मूल्य दोस्त नहीं बन सकता। जो दोस्त आपके व्यावहार के विपरीत स्वभाव का हो, जिसके ख्यालात आपसे ना मिलते हों उनसे दोस्ती नहीं चल सकती है। इसलिए अपने अनुकूल दोस्त बनाएं जो विषम परिस्थियों में भी आपका साथ ना छोड़े।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)