Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण एकादशी है। यह चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में आती है। इस एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की चालीसा का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है। साल 2024 में पापमोचनी एकादशी 5 अप्रैल को है। इस एकादशी की शुरुआत 4 अप्रैल को शाम 4 बजकर 15 से हो जाएगी और एकादशी तिथि 5 अप्रैल को 1 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। हिंदू धर्म में हर त्यौहार उदया तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं। इसीलिए पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा। इसी के साथ चलिए जानते हैं कि पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किस तरह पूजा करनी चाहिए और कैसे भगवान विष्णु चालीसा का पाठ करना चाहिए।
पापमोचनी एकादशी का महत्व
पापमोचनी एकादशी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण एकादशी है जो चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में आती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इसका व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी पापों का नाश करने के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। पुराणों के अनुसार, जो व्यक्ति इस एकादशी का व्रत रखता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसके सभी पाप धुल जाते हैं। पापमोचनी एकादशी मोक्ष प्राप्ति का द्वार भी खोलती है। जो व्यक्ति इस एकादशी का व्रत नियमित रूप से रखता है, वह मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करता है। पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने से मन को शांति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और चालीसा का पाठ करने से मन में सकारात्मक विचार आते हैं और नकारात्मकता दूर होती है। पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने से सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है।
पापमोचनी एकादशी व्रत की विधि
1. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. पूजा स्थान को स्वच्छ और शुद्ध करें।
3. भगवान विष्णु की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें।
4. दीपक, धूप, फूल, फल, मिठाई, और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल का मिश्रण) अर्पित करें।
5. चालीसा का पाठ करें।
6. भगवान विष्णु से प्रार्थना करें।
7. व्रत का पारण करें।
विष्णु चालीसा का पाठ
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥
नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥
सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत ।
तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत ॥
शंख चक्र कर गदा विराजे, देखत दैत्य असुर दल भाजे ।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥
सन्तभक्त सज्जन मनरंजन, दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥
पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण ।
करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण ॥
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा ।
भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा ॥
आप वाराह रूप बनाया, हिरण्याक्ष को मार गिराया ।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया, चौदह रतनन को निकलाया ॥
अमिलख असुरन द्वन्द मचाया, रूप मोहनी आप दिखाया ।
देवन को अमृत पान कराया, असुरन को छवि से बहलाया ॥
कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया, मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया ।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया, भस्मासुर को रूप दिखाया ॥
वेदन को जब असुर डुबाया, कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया ।
मोहित बनकर खलहि नचाया, उसही कर से भस्म कराया ॥
असुर जलन्धर अति बलदाई, शंकर से उन कीन्ह लड़ाई ।
हार पार शिव सकल बनाई, कीन सती से छल खल जाई ॥
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी, बतलाई सब विपत कहानी ।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी, वृन्दा की सब सुरति भुलानी ॥
देखत तीन दनुज शैतानी, वृन्दा आय तुम्हें लपटानी ।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी, हना असुर उर शिव शैतानी ॥
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे, हिरणाकुश आदिक खल मारे ।
गणिका और अजामिल तारे, बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे ॥
हरहु सकल संताप हमारे, कृपा करहु हरि सिरजन हारे ।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे, दीन बन्धु भक्तन हितकारे ॥
चाहता आपका सेवक दर्शन, करहु दया अपनी मधुसूदन ।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन, होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन ॥
शीलदया सन्तोष सुलक्षण, विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण ।
करहुं आपका किस विधि पूजन, कुमति विलोक होत दुख भीषण ॥
करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण, कौन भांति मैं करहु समर्पण ।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई, हर्षित रहत परम गति पाई ॥
दीन दुखिन पर सदा सहाई, निज जन जान लेव अपनाई ।
पाप दोष संताप नशाओ, भव बन्धन से मुक्त कराओ ॥
सुत सम्पति दे सुख उपजाओ, निज चरनन का दास बनाओ ।
निगम सदा ये विनय सुनावै, पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै ॥
॥ इति श्री विष्णु चालीसा ॥
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)