Chandra Grahan 2023 : मई में साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, हालांकि यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर पर इसका असर रहेगा। इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। खास बात ये है कि इस दिन वैशाख माह की पूर्णिमा भी है, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि शुक्रवार 5 मई बुद्ध पूर्णिमा को चंद्रमा उपछाया ग्रहण के साये में होगा। इसमें चांदनी कुछ फीकी सी होगी। शाम 8 बजकर 44 मिनिट से यह ग्रहण आरंभ होकर रात्रि 1 बजकर 1 मिनिट पर समाप्त होगा । 4 घंटे 18 मिनिट अवधि के इस ग्रहण का मध्यकाल रात 10 बजकर 52 मिनिट पर होगा । यह उपछाया ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया , दक्षिणी पश्चिमी यूरोप में दिखाई देगा । विश्व की कुल आबादी का लगभग 83 प्रतिशत लोग इसका कुछ न कुछ भाग तथा लगभग 56 प्रतिशत लोग इस पूरे ग्रहण को देख सकेंगे ।
इस चन्द्रग्रहण को फ्लॉवर मून नाम दिया गया
सारिका ने विद्या विज्ञान कार्यक्रम में बताया कि इस घटना के समय सूरज और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जायेगी । इससे पृथ्वी की छाया और उपछाया दोनो बनेगी । इस ग्रहण के समय चंद्रमा उपछाया वाले भाग से होकर निकलेगा जिससे ग्रहण के दौरान चंद्रमा की चमक फीकी पड़ जायेगी । बुद्ध पूर्णिमा के इस चंद्रमा को पश्चिमी देशों में वहां इस मौसम में प्रचुर मात्रा में खिलने वाले फूलों के कारण फ्लॉवर मून नाम दिया गया है । नेटिव अमेरिकी इसे बडिंग मून, एग लेयिंग मून, प्लाटिंग मून नाम से भी पुकारते हैं। इस कारण यह फ्लॉवर मून पर लगने वाला ग्रहण् भी कहला रहा है।
सारिका ने बताया कि सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि 130 सालों बाद बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण हो रहा है जबकि 26 मई 2021 को दिखा चंद्रग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही था इसके अलावा कुछ रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि इस ग्रहण के समय चंद्रमा पास होगा जबकि 5 मई को चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3 लाख 80 हजार किमी दूर रहेगा, यह कम नहीं मध्यम दूरी है । जबकि कम दूरी में सुपरमून के समय यह दूरी 3 लाख 60 हजार किमी के लगभग रह जाती है ।
क्या होता है चन्द्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है। इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है।पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं। इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।जब चंद्र पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उपछाया पड़ती है, तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
जानिए किस राशि पर कैसा पड़ेगा असर
- मेष राशि वालों को स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी बरतनी होगी।मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
- सिंह राशि वालों को भी सेहत पर ध्यान देना होगा। यात्राओं से हानि हो सकती है । हालांकि इस दौरान कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। छात्र के लिए अनुकूल समय है। पिता का सहयोग प्राप्त होगा।
- धनु राशि वालों को नौकरी में कुछ समस्या आ सकती है। प्रमोशन के लिए इंतजार करना पड़ेगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखें।
- मकर राशि वालों को भी थोड़ा सावधान रहना होगा। खान-पान पर ध्यान देना होगा। कोई दुखद समाचार सुनने को मिल सकता है।लेकिन आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी पेशा को पदोन्नति के योग है। करियर में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। कोई प्रापर्टी या वाहन खरीद सकते हैं। व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी लाभ होगा। जो लोग नया बिजनेस शुरू करेंगे, उन्हें लाभ होगा।
- वृषभ राशि के जातकों के दांपत्य जीवन पर प्रभाव डालेगा। जीवन साथी के साथ वाद विवाद हो सकता है। कर्क राशि वालों की सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेगा।खान-पान पर ध्यान रखने की खास जरूरत है।
- मिथुन राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण शुभ साबित हो सकता है। नौकरी के नए अवसर , प्रमोशन और इंक्रीमेंट के योग बन सकते है। विदेश यात्रा के योग बन रहे है। वहीं आपको इस दौरान परिवार का भी पूर्ण सहयोग मिलेगा। कारोबारियों को व्यापार में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। वहीं छात्रों को यह ग्रहण शुभ साबित हो सकता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)