Chandra Grahan 2023 : साल का पहला चन्द्र ग्रहण आज, मिला फ्लॉवर मून का नाम, बनेंगे दुर्लभ संयोग, जानें समय और राशियों पर प्रभाव

Pooja Khodani
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Chandra Grahan 2023 : आज 5 मई वैशाख माह की पूर्णिमा को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन भारत में दिखाई नहीं देगा, ऐसे में इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ज्योतिषीय गणना के आधार पर सालों बाद बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इस संयोग के साथ कई तरह के ग्रहों और नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा। यह उपछाया ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया , दक्षिणी पश्चिमी यूरोप में दिखाई देगा । विश्‍व की कुल आबादी का लगभग 83 प्रतिशत लोग इसका कुछ न कुछ भाग तथा लगभग 56 प्रतिशत लोग इस पूरे ग्रहण को देख सकेंगे ।

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 04 मई को रात 11 बजकर 45 मिनट से हो जाएगी। जो 5 मई, शुक्रवार की रात 11 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा 05 मई, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।वही साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को रात 08 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा जो 6 मई की आधी रात 1 बजकर 1 मिनट तक चलेगा। वही पूरे दिन स्वाति नक्षत्र और सिद्धि योग का शुभ संयोग बनेगा, जो शुभ होगा। पंचांग गणना के अनुसार स्वाति नक्षत्र रात 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा और सिद्धि योग सूर्योदय से लेकर सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

यह उपछाया चंद्रग्रहण होगा

नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि आज चंद्रमा उपछाया ग्रहण के साये में होगा। इसमें चांदनी कुछ फीकी सी होगी।  शाम 8 बजकर 44 मिनिट से यह ग्रहण आरंभ होकर रात्रि 1 बजकर 1 मिनिट पर समाप्‍त होगा। चंद्रमा पर होने वाले तीन प्रकार के ग्रहण में से यह उपछाया चंद्रग्रहण होगा।  सोशल मीडिया एवं कुछ अन्‍य माध्‍यमों में बताया जा रहा है कि भारत में उपछाया ग्रहण नहीं दिखेगा , यह वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है । आज का उपछाया ग्रहण जितना भारत में होगा उतना ही एशिया के अन्‍य देशों में होगा। बुद्ध पूर्णिमा के इस चंद्रमा को पश्चिमी देशों में इस मौसम में प्रचुर मात्रा में खिलने वाले फूलों के कारण फ्लॉवर मून नाम दिया गया है । नेटिव अमेरिकी इसे बडिंग मून, एग लेयिंग मून, प्‍लाटिंग मून नाम से भी पुकारते हैं। इस कारण यह फ्लॉवर मून पर लगने वाला ग्रहण्‍ भी कहला रहा है।

3 तरह के होते है चन्द्र ग्रहण

सारिका ने बताया कि इस ग्रहण को देखने के लिये किसी यंत्र या व्‍यूअर की आवश्‍यक्‍ता नहीं होगी । 20 अप्रैल को घटित हाइब्रिड सूर्यग्रहण के 15 दिन के बाद यह चंद्रग्रहण की घटना हो रही है । अगला चंद्रग्रहण 28 अक्‍टूबर 2023 को होगा। इस आंशिक चंद्रग्रहण को भी भारत में देखा जा सकेगा । चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। जब चंद्रमा का पूरा भाग पृथ्‍वी की घनी छाया में आता है तो पूर्णचंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse)  होता है। जब चंद्रमा का कुछ भाग घनी छाया में और कुछ भाग उपछाया में होता है तो आंशिक चंद्रग्रहण (Partial Lunar Eclise ) होता है। जब चंद्रमा का पूरा भाग उपछाया में होता है तो उपछाया ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse ) कहते हैं।

जानिए किस राशि पर कैसा पड़ेगा असर

मेष राशि वालों को स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी बरतनी होगी।मानसिक तनाव बढ़ सकता है। सिंह राशि वालों को यात्राओं से हानि हो सकती है । हालांकि इस दौरान कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। छात्र के लिए अनुकूल समय है।धनु राशि वालों को नौकरी में कुछ समस्या आ सकती है। प्रमोशन के लिए इंतजार करना पड़ेगा। मकर राशि वालों को भी थोड़ा सावधान रहना होगा।नौकरी पेशा को पदोन्नति के योग है। जो लोग नया बिजनेस शुरू करेंगे, उन्हें लाभ होगा। कर्क राशि वालों की सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेगा। मिथुन राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण शुभ साबित हो सकता है। नौकरी के नए अवसर , प्रमोशन और इंक्रीमेंट के योग बन सकते है। विदेश यात्रा के योग बन रहे है। कारोबारियों को व्यापार में वृद्धि के संकेत तो छात्रों के लिए भी शुभ होगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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