Mahakedar Rajyog, Astrology, Viprit Rajyog : वैदिक ज्योतिष में ग्रह एक निश्चित समय पर गोचर करते हैं। जिसके शुभ और अशुभ परिणाम नजर आते हैं। शुभ और अशुभ परिणाम के साथ ही ग्रह महत्वपूर्ण योग और राजयोग का निर्माण करते हैं। जिसका असर मानव जीवन पर देखने को मिलता है।
महा केदार योग का निर्माण
इसी बीच ग्रहों के राशि परिवर्तन के साथ ही 20 वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर से महा केदार योग का निर्माण हो रहा है। वहां केदार योग तब निर्मित होते हैं। जब चार भावों में 7 ग्रह की स्थिति हो जाए। ऐसे में इसका असर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। हालांकि कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है। उन्हें धन लाभ होने के साथ ही उत्तम भाग्य की प्राप्ति होती है।
महाकेदार राजयोग का लाभ
मेष
जन्म कुंडली के प्रथम भाव में इस योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में गुरु चंद्र और राहु की युति से बन रहे इस योग से जातकों के जीवन में धन लाभ होगा। दूसरे भाव में बुध आदित्य योग पहले से मौजूद है। ऐसे मे वाणी के प्रभाव से लोग आपकी मदद के लिए आगे आएंगे। शुक्र और मंगल का केंद्र त्रिकोण भी बन रहा है। जिसके कारण संपत्ति खरीद सकते हैं। भौतिक सुख संपदा में वृद्धि होगी। प्रतिष्ठित, सम्मान का लाभ मिलेगा। हालांकि शनि तीसरे भाव में अपनी दृष्टि रख रहे हैं। जिसके कारण मानसिक तनाव मिल सकता है। हालांकि प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे जातकों को लाभ मिलेगा।
कर्क
कर्क राशि के जातक के लिए महा केदार राजयोग बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कर्क राशि में केंद्र त्रिकोण के अलावा बुधादित्य और गजकेसरी योग में पहले से मौजूद है। ऐसे में धन लाभ होगा। संपत्ति की खरीद बिक्री करेंगे। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। समृद्धि की प्राप्ति होगी। इतना ही नहीं जातक को सफलता प्राप्त होगी। कार्यस्थल पर किया गया हर कार्य उत्तम परिणाम देगा। कोई आधिकारिक पद प्राप्त हो सकता है सम्मानित होंगे।
मकर
मकर राशि के लिए वहां केदार राजयोग माना जा रहा है। सुख-सुविधाओं में वृद्घि होगी। मान सम्मान में वृद्धि होगी। पदोन्नति और वेतन वृद्धि के लाभ मिल रहे हैं। अटका का काम पूरा हो सकता है। सरकारी योजना का लाभ मिलेगा। घर सहित संपत्ति खरीद सकते हैं। इसके साथ ही विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। राज्य सत्ता को प्राप्त करेंगे।
विपरीत राजयोग
विपरीत राजयोग का निर्माण 50 साल के बाद हो रहा है। इस योग का असर काफी समय तक देखा जाता है। जीवन में सफलता हासिल होती है। चार राशियों को इस राजयोग का लाभ मिलेगा। दरअसल इस महीने कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन कर चुके हैं। वहीं जुलाई में तीन महत्वपूर्ण ग्रह का राशि परिवर्तन है। जिसके साथ ही महत्वपूर्ण राजयोग का निर्माण हो रहा है।
विपरीत राजयोग का निर्माण
विपरीत राजयोग वैदिक ज्योतिष के सबसे गूढ़ राजयोग में से एक है। नकारात्मक भाव के ग्रह के सम्मेलन से इस राजयोग का निर्माण होता है। दुष्प्रभाव के स्वामी ग्रह इस योग का कारण बनते हैं। हालांकि ग्रहों की मजबूत स्थिति होने पर इसके महत्व पूर्ण लाभ जातकों के जीवन में आते हैं। जब कुंडली के छठे भाव के स्वामी आठवें और बारहवें भाव में हो और आठवीं भाव का स्वामी छठे या बारहवें भाव में स्थित हो अथवा बारहवें भाव का स्वामी छठवें या बारहवें भाव में हो, तब विपरीत राजयोग का निर्माण होते हैं।
विपरीत राजयोग का लाभ
हर्ष विपरीत राजयोग से अपार प्रसिद्धि और गौरव की प्राप्ति सहित स्वस्थ शरीर और भाग्योदय देखने को मिलता है। सरल विपरीत राजयोग से कठिनाई को हल करने की क्षमता विकसित होती है। वही विमल विपरीत राजयोग से आध्यात्मिक दृष्टिकोण विकसित होते हैं। धन संचय और मान सम्मान प्रतिष्ठा में वृद्धि देखी जाती है।
मेष
मेष राशि के जातक प्रभावशाली बनेंगे। उच्च मार्गदर्शन का पालन करेंगे। इसके साथ ही निवेश में लाभ मिलेगा। अच्छे रिटर्न की प्राप्ति सहित धन आगमन के लिए विभिन्न स्रोत निर्मित होंगे। धन की वसूली होगी। कार्य में प्रगति होगी। कार्यस्थल पर आपके कार्य की प्रशंसा की जाएगी।। पदोन्नति और सम्मान का लाभ मिलेगा।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए विपरीत राजयोग अनुकूल परिणाम देंगे। करियर में सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे। निर्णय लेने की क्षमता विकसित होगी। धन और समृद्धि की प्राप्ति होगी। नौकरीपेशा लोगों को इंक्रीमेंट और प्रमोशन मिल सकता है। पहचान मिलेगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ ही नई नौकरी की तलाश कर रहे जातकों को नौकरी का लाभ मिलेगा।
तुला
तुला राशि के लोगों को विपरीत राजयोग का लाभ मिलेगा। प्रयास में सफलता मिलेगी। अटका हुआ धन वापस होगा। प्रमोशन मिल सकता है। इसके साथ ही विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। सम्मान, वैभव की प्राप्ति होगी। संपत्ति में निवेश कर सकते हैं। इसके साथ ही धन और भौतिक सुख सुविधा में भी वृद्धि देखी जाएगी।
मकर
मकर राशि वाले के पद प्रतिष्ठा में वृद्घि होगी। कार्य से समाज में प्रशंसा हासिल करेंगे। मनोकामना पूरी होगी। किए गए प्रयास में उन्हें सफलता मिलेगी। धन का अभाव नहीं रहेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। भौतिक सुख की प्राप्ति होगी। साथ ही भूमि भवन का निर्माण करेंगे।