Surya Grahan/ Solar Eclipse 2023 : साल का अंतिम सूर्य ग्रहण अक्टूबर में लगने जा रहा है। पंचांग के अनुसार, 14 अक्टूबर शनिवार को रात में 8:34 से यह ग्रहण शुरू होगा, जो मध्य रात्रि 2:25 पर समाप्त होगा। ज्योतिष में सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों को अशुभ माना जाता है, वही यह ग्रहण अश्विन मास की अमावस्या तिथि को कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा। यह ग्रहण कंकणाकृती सूर्य ग्रहण होगा।
कहां कहां दिखाई देगा, राशियों पर असर
यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, ऐसे में सूतककाल मान्य नहीं होगा, लेकिन कनाडा, अर्जेंटीना, कोलंबिया, मैक्सिको, ब्राजील, पराग्वे, पेरू, अमेरिका, वेनेजुएला, चिली, डोमिनिका आदि जगहों पर दार्शनीय होगा। वैसे तो दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन यह कई राशि वालों के शुभ साबित होगा।मेष राशि,सिंह राशि, कन्या राशि,वृषभ राशि और तुला राशि के लिए यह दूसरा सूर्य ग्रहण शुभ नहीं होगा, इस दौरान इन सभी जातकों को संभलकर रहने की जरूरत है।
अंतिम सूर्य ग्रहण का सूतक काल
शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व और चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पूर्व शुरू हो जाता है। 14 अक्टूबर को लगने वाले साल के अंतिम सूर्य ग्रहण का सूतक काल उस दिन सुबह 8 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा। इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण की समाप्ति के समय ही होगा। 15 अक्टूबर को 02:25 एएम पर सूर्य ग्रहण के समापन के साथ ही सूतक काल खत्म हो जाएगा।हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, ऐसे में सूतककाल भी मान्य नहीं होगा।
जानिए कब लगता है सूर्य ग्रहण
- हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार ग्रहण के सूतक काल का बड़ा महत्व होता है, इसलिए इस दौरान कुछ भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है ।
- हिंदू धर्म में ग्रहण का बड़ा महत्व है। खगोलीय और धार्मिक दोनों दृष्टियों से सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है।
- जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है। इसे ही सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है।
- कंकणाकृती सूर्यग्रहण वह कहलाता है, जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी इतनी होती है कि चंद्रमा सूर्य के एकदम बीचो-बीच आ जाता है, ऐसी स्थिति में सूर्य के चारों तरफ एक रिंग नुमा आकृति बन जाती है, इस ग्रहण को वलयाकार सूर्यग्रहण भी कहा जाता है।
ग्रहण में इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- वैज्ञानिकों के अनुसार ग्रहण को भूलकर भी खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए।ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक काल में देवी देवता की पूजा नहीं करनी चाहिए।
- ग्रहण के दौरान भोजन पानी नहीं करना चाहिए , और खाने पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाल देना चाहिए।
ग्रहण के दौरान बाल-नाखून नहीं काटना चाहिए।गर्भवती महिलाओं को धारदार वस्तुओं के प्रयोग से बचना चाहिए। - ग्रहण में लोगों को मंत्र और भजन का जाप करना चाहिए। नौकरी में तरक्की के लिए सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करके साफ कपड़े पहनें और फिर सूर्य देव का ध्यान करके गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र, तांबा आदि का दान करें.
- सूर्य ग्रहण के बाद सूर्य देव की पूजा करने और उनके मंत्रों का जाप करने से करियर में तरक्की मिलती है। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ और श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करने से रोग और ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है।. सूर्य चालीसा का पाठ करने से भी किस्मत चमकती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)