Rajyog Effect On Karwa Chauth 2024 : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक निश्चित समय अंतराल के बाद हर ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते है इस दौरान एक राशि में एक या एक से अधिक ग्रह के साथ आने से कई तरह के योग और राजयोग बनते हैं। इसी कड़ी में अब दिवाली से पहले करवाचौथ के मौके पर एक साथ 5 राजयोग बनने जा रहे है, जिसका राशियों और मानव जीवन पर बड़ प्रभाव देखने को मिलेगा।
वैदिक पंचांग अनुसार इस साल करवाचौथ का व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा, ऐसे में 80 साल बाद करवाचौथ के मौके पर 5 राजयोग का निर्माण होने जा रहा है। इसमें शनि से शश, गुरू चन्द्र से गजकेसरी, महालक्ष्मी, सूर्य बुध से बुधादित्य और गुरू शुक्र से समसप्तक राजयोग बनने जा रहे हैं। जिससे कुछ राशियों की किस्मक चमक सकती है। आईए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं…
करवाचौथ पर 5 राजयोग का संयोग, राशियों पर प्रभाव
वृषभ राशि : सालों बाद एक साथ 5 राजयोग का बनना जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। कार्य-व्यापार में उन्नति मिलेगी।बिजनस में निवेश और नया व्यापार शुरू करने के लिए समय अनुकूल रहेगा।आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी।भाग्य का साथ मिलेगा।
तुला राशि : 5 राजयोग का बनना जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगा। करियर और कारोबार में तरक्की मिल सकती है। कोई लग्जरी आयटम खरीद सकते हैं। लोगों के साथ नए- नए संबंध बनेंगे।सुख सुविधा में वृद्धि होने की संभावना है। जो विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन्हें सफलता प्राप्त हो सकती है। आर्थिक स्थिति में पहले से सुधार होगा। इसके साथ ही आप धन संचय करने में सफल होंगे।
कन्या राशि : 5 राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकते है। व्यापार में नई डील्स मिल सकती हैं। बेरोजगारों की नौकरी की तलाश पूरी हो सकती है। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। दांपत्य जीवन की समस्याएं दूर होंगी। इस अवधि में वाहन की खरीदारी भी कर सकते हैं। बिजनस में खूब कमाई करने का मौका मिलेगा। साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। बेरोजगार लोगों को नौकरी मिल सकती है। संतान से संंबधित कोई शुभ समाचार मिल सकता है।शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा।
आईए जानते है कब बनते है कुंडली में ये राजयोग
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव पर हो यानि शनि देव यदि किसी कुंडली में लग्न अथाव चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें स्थान में तुला, मकर या कुंभ राशि में विराजमान हो तो ऐसी कुंडली में शश राजयोग का निर्माण होता है।
- अगर चंद्रमा गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है या अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो गजकेसरी राजयोग का निर्माण होता है। चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी यह योग बनता है।
- जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।जब गुरु और शुक्र एक दूसरे से सा भाव की दूरी पर होंगे तो समप्तक राजयोग बनेगा। जब शुक्र और मंगल का मिलन होता है तो महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण होता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)