Ganesh Chaturthi 2024: गणपति बप्पा एक ऐसे देवता हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य माना गया है। कोई भी काम शुरू करने से पहले सबसे पहले उनकी ही पूजन अर्चन की जाती है। मान्यताओं के मुताबिक बप्पा अपने भक्तों के सारे दुख हर लेते हैं और उन्हें जीवन में सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। यही कारण है कि व्यक्ति हर शुभ काम की शुरुआत में बप्पा का ध्यान करता है ताकि उसे विघ्न बाधाओं का सामना न करना पड़े।
हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन से 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाती है। 10 दिन तक घर, ऑफिस, कार्यस्थल और पंडाल में बप्पा को विराजित किया जाता है। इन 10 दिनों तक विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं और हर कोई बप्पा की भक्ति में मगन नजर आता है। इस बार 7 सितंबर से 17 सितंबर तक गणेश उत्सव पर्व की धूम देखने को मिलेगी।
गणेश चतुर्थी पर हम सभी अपने घर और दुकान में बप्पा की मूर्ति की स्थापना करते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किस मुहूर्त में किस विधि से आपको गणेश जी स्थापित करना है। पूजन सामग्री की जानकारी दें हम आपको देते हैं।
गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री
गणपति जी की स्थापना करने के लिए आपको गणेश जी की प्रतिमा, पान के पत्ते, पुष्प, दूर्वा, सुपारी, मोदक, नारियल, दूध, शहद, शक्कर, घी, दीपक और तेल, धूपबत्ती, कपूर पूजा की थाली, गंगाजल की आवश्यकता होगी।
गणेश चतुर्थी मुहूर्त
- गणेश चतुर्थी का वैसे तो पूरा ही दिन शुभ होता है। लेकिन अगर आप सुबह पहले मुहूर्त में गणपति स्थापना करना चाहते हैं तो यह 7:45 से 9:18 तक है। यह सबसे उत्तम मुहूर्त है।
- इसके बाद 12:10 से 1:30 तक दोपहर का मुहूर्त भी काफी शुभ है। आप 12:25 से शाम 5:04 तक भी गणपति स्थापना कर सकते हैं।
- अगर आपको दुकान या फैक्ट्री या ऑफिस में गणपति स्थापना करना है तो शाम 6:37 से रात 8:04 तक का समय काफी शुभ है। इसके अलावा सुबह 11:24 से 1:42 तक वृश्चिक लग्न में कार्यस्थल पर गणपति स्थापना की जा सकती है।
- अगर आप सबसे उत्तम अभिजीत मुहूर्त में गणपति स्थापना करना चाहते हैं तो यह 11:59 से 12:49 तक रहेगा। इस मुहूर्त में घर दुकान फैक्ट्री कार्यस्थल सभी जगह गणपति स्थापना की जा सकती है।
पूजन विधि
- गणेश चतुर्थी पर बप्पा को स्थापित करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा के लिए आपको साफ और शांत स्थान चुनना होगा।
- एक चौकी पर लाल रंग के कपड़े पर गणपति जी को स्थापित करें।
- इसके बाद उन्हें गंगाजल से स्नान करवाएं और नए वस्त्र पहनाएं।
- इसके बाद रोली, अक्षत, चंदन, फूल, दूर्वा से बप्पा का श्रृंगार करें।
- गणपति जी को मोदक, फल, लड्डू और जो भी भोग सामग्री उपलब्ध हो उसका नैवेद्य लगाएं।
- इसके बाद गणपति मंत्रों का जाप करते हुए आरती करें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।