Gajkesari Rajyog 2024: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, हर एक ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद चाल बदलता है, जिसका विभिन्न राशियों पर अलग-अलग तरीके से प्रभाव पड़ता है।आज शुक्रवार को मन के कारक चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं, जहां देव गुरू बृहस्पति पहले से ही विराजमान हैं, ऐसे में दोनों बड़े ग्रहों की युति से आज गजकेसरी राजयोग बनेगा, हालांकि यह अल्प समय के लिए रहेगा, क्योंकि 2 दिन बाद चन्द्र दूसरी राशि में गोचर कर जाएंगे।
ज्योतिष के मुताबिक, सभी ग्रहों में चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना जाता हैं, क्योंकि चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करते हैं, ऐसे में वे किसी न किसी ग्रह के साथ युति बनाते है, जिससे योग-राजयोग का निर्माण होता है।वही देवगुरु बृहस्पति को एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए 1 साल का वक्त लगता है।
Gajkesari Rajyog : इन राशियों पर बरसेगी चन्द्र गुरू की कृपा
वृषभ राशि: चंद्रमा गुरु की युति से बनने वाला गजकेसरी योग जातकों के लिए लकी साबित होगा। जातकों को मनचाही नौकरी मिल सकती है। व्यापार के लिए समय अनुकूल रहेगा। रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। शादीशुदा लोगों के रिश्ते मजबूत होंगे और अविवाहित को विवाह के प्रस्ताव भी मिल सकता है। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होगा। आत्मविश्वास और बौद्धिक क्षमता की वृद्धि होगी।
कन्या राशि : वक्री गुरु और चंद्रमा की युति के साथ गजकेसरी योग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। आय में वृद्धि होगी और नए सोर्स मिल सकते हैं ।आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। नौकरीपेशा को वेतनवृद्धि और प्रमोशन का भी तोहफा मिल सकता है। वैवाहिक जीवन में तालमेल और खुशियां बढ़ेगी। नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।परिवार के साथ अच्छा समय बीत सकता है।करियर के क्षेत्र में भी लाभ मिल सकता है।
वृश्चिक राशि : चंद्रमा गुरु की युति से बनने वाला गजकेसरी योग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नही होगा। हर क्षेत्र में सफलता मिलने के योग है। व्यापार में अच्छा लाभ मिल सकता है। धनलाभ के भी प्रबल योग है। कोई नए प्रोजेक्ट पर काम कर सकते है। जीवनसाथी और परिवार के साथ समय अच्छा रहेगा। संतान की ओर से कोई नई खबर मिल सकती है। आय के नए स्त्रोत खुल सकते हैं। अपार धन लाभ की संभावना है। सेहत में भी सुधार होगा।
कुंडली में कब बनता है Gajkesari Rajyog
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है या अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न, चौथे और 10वें भाव में गुरु-चंद्र होता है। चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी यह योग बनता है। यह राजयोग हर क्षेत्र में तरक्की, राजसी सुख, बुद्धि मान सम्मान में वृद्धि के साथ धन संपत्ति प्रदान करता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)