Gajkesari Rajyog 2024: ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना जाता हैं, क्योंकि चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करते रहते हैं. ऐसे में किसी न किसी ग्रह के साथ युति होती है, जिससे योग-राजयोग का निर्माण होता है।इसी क्रम में आज 2 जुलाई को चन्द्रमा वृषभ राशि में प्रवेश करने जा रहे है, जहां पहले से ही गुरू विराजमान है, ऐसे में गुरू चन्द्रमा की युति से गजकेसरी राजयोग का निर्माण होग, जो 3 राशि के जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। खास बात ये है कि वृषभ पर शुक्र ग्रह का आधिपत्य है।
वृषभ राशि: चन्द्रमा गुरू की युति और गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। व्यक्तित्व में निखार आएगा। व्यापार में उन्नति होगी। नौकरी में पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का तोहफा मिल सकता है। आय के नए स्रोत प्राप्त करेंगे । बड़े- बड़े लोगों के साथ संबंध बनेंगे। शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। लंबे समय से अटके रुके काम पूरे होंगे। गुरू का आर्शीवाद मिलेगा।
तुला राशि : गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। देश- विदेश की यात्रा भी कर सकते हैं। हर तरह की स्थितियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम भी होंगे। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिल सकती है। धार्मिक एवं मांगलिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। करियर और बिजनेस में उन्नति के मौके मिलेंगे। नौकरी बदलने का सोच रहे है कि अच्छा मौका है।
मेष राशि :गुरू चन्द्र की युति और गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। काम के सिलसिले में यात्रा पर जा सकते है। व्यापारियों को धनलाभ मिलेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।आपको समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। इस समय आपके कम्यूनिकेशन में सुधार होगा, जिससे लोग इंप्रेस होंगे।अटके रुके कामों को गति मिलेगी।
कुंडली में कब बनता है गजकेसरी राजयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है या अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है। चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी यह योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)