Vivah Muhurat: हिंदू धर्म में ज्योतिष को काफी महत्व दिया जाता है। कोई भी काम करने से पहले ज्योतिष के जरिए शुभ मुहूर्त और नक्षत्र देखे जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर मुहूर्त के मुताबिक कोई काम किया जाता है, तो वह जरुर सफल होता है। उसमें किसी भी तरह की बाधा भी उत्पन्न नहीं होती है। यही कारण है कि जब विवाह की बात निकलती है तब ज्योतिष के मुताबिक निकाली गई तारीखों के आधार पर विवाह का मुहूर्त निकाला जाता है।
आने वाले विवाह के मुहूर्त की बात करें तो 6 मई को बृहस्पति अस्त हो चुके हैं। इसके बाद विवाह का श्रेष्ठ मुहूर्त नहीं है। जुलाई में विवाह के कुछ मुहूर्त है लेकिन वह भी सिर्फ आठ ही दिन है जब लोग शादी कर सकेंगे। उसके बाद अगस्त से अक्टूबर तक शहनाई नहीं बजने वाली है। चलिए आज हम आपको शुभ मुहूर्त की जानकारी देते हैं।
जुलाई में विवाह के मुहूर्त
25 अप्रैल को शुक्र अस्त हो गया है और 6 मई को बृहस्पति भी अस्त हो चुके हैं। इन दोनों ग्रहों के अस्त होने के कारण मई और जून में विवाह का मुहूर्त नहीं है। जून में 2 तारीख को गुरु और 29 तारीख को शुक्र का उदय होगा इसके बाद 3 जुलाई से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो सकेगी। 3 जुलाई के बाद 9 से 15 जुलाई के बीच आठ दिन विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे।
कब जागेंगे देव
हिंदू धर्म में देवशयनी और देवउठनी एकादशी का काफी ज्यादा महत्व माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब देव सो जाते हैं उतने समय कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता और विवाह आदि के मुहूर्त नहीं निकलते हैं। वहीं देव के जागने के बाद श्रेष्ठ मुहूर्त में विवाह किया जाता है। इस साल 16 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इसके बाद चतुर मास का आरंभ होगा और ग्रह दशा के परिवर्तन के बाद 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर देव जागेंगे। देव जानने के बाद 16 नवंबर से एक बार फिर मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी। नवंबर माह में कुल 9 और दिसंबर में 15 दिन श्रेष्ठ मुहूर्त है।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।