Shadashtak Yog 2024: ज्योतिष शास्र में न्याय और दंड के देवता शनि और ग्रहों के सेनापति मंगल की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है।एक तरफ जहां मंगल का राशि परिवर्तन अल्प समय में होता है वही दूसरी तरफ शनि को एक राशि से दूसरी राशि मे जाने के लिए ढ़ाई साल लग जाते है, ऐसे में शनि को एक राशि में दोबारा आने में करीब 30 साल का वक्त लग जाता है।
वर्तमान में शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है वही शौर्य साहस और बल के कारक मंगल कर्क राशि में स्थित है। शनि कुंभ में 29 मार्च 2025 तक तो मंगल 7 दिसंबर को कर्क राशि में वक्री होकर 21 जनवरी 2025 तक इसी राशि में रहेंगे, ऐसे में दोनों ग्रह एक-दूसरे से छठे और आठवें भाव में मौजूद रहेंगे, जिससे षडाष्टक योग का निर्माण हुआ। आइए जानते है षडाष्टक योग बनने से किन राशियों को मिल सकता है लाभ…
षडाष्टक योग किन राशियों के लिए लकी
कुंभ राशि : शनि मंगल के संयोग से बना षडाष्टक योग जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। आत्मविश्वास , साहस में वृद्धि होगी। हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं। लंबे समय से रुके और अटके काम भी पूरे हो सकते हैं। बिजनेस में अपार सफलता मिलने के योग हैं, व्यापार संबंधित कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। नई नौकरी के कई अवसर मिल सकते हैं। स्वास्थ्य भी अच्छा जाने वाला है।करियर परिवर्तन के लिए नए अवसर और निवेश के बड़े फैसले ले सकते हैं।
मेष राशि : शनि मंगल के संयोग से बना षडाष्टक योग जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है।आय के नए स्त्रोत खुलेंगे। हर क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। घर-परिवार में सुख-समृद्धि भी आएगी।कार्यस्थल पर वेतनवृद्धि या प्रमोशन की संभावना बनेगी। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। व्यापार में आप कोई नई योजना बना सकते हैं। जीवन में खुशियां आएंगी। वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा।
तुला राशि: शनि मंगल के संयोग से बना षडाष्टक योग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। भाग्य का पूरा साथ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। दोस्तों और परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा। मंगल और शनि का जमकर आर्शीवाद मिलेगा। लंबे समय से रुके और अटके काम पूरे हो सकते हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। परिवार में चली आ रही समस्याएं अब समाप्त हो सकती है।
कुंडली में कब बनता है Shadashtak Yog
आमतौर पर ज्योतिष शास्त्र में षडाष्टक योग को काफी अशुभ माना जाता है लेकिन इस बार मंगल और शनि एक-दूसरे से छठे और 8वें भाव में मौजूद रहने से यह कुछ राशियों के लिए शुभ साबित होने वाला है। इस योग के बनने से जातकों पर शनि के साथ-साथ मंगल की विशेष कृपा हो सकती है। यह योग तब बनता है जब दो ग्रह एकदूसरे के 150 डिग्री दूरी पर होते हैं या फिर एक दूसरे के छठे या 8वें भाव में होते हैं।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)