Sat, Dec 27, 2025

Rama Ekadashi: रमा एकादशी पर शुभ मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की पूजन, जानें विधि, कथा और सावधानियां

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
हिंदू धर्म में त्योहारों और व्रत का विशेष महत्व माना गया है। आज रमा एकादशी है, जिसे काफी खास माना गया है क्योंकि आज से दीपावली पार्वती शुरुआत हो जाती है। चलिए आज इस व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और कथा जानते हैं।
Rama Ekadashi: रमा एकादशी पर शुभ मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की पूजन, जानें विधि, कथा और सावधानियां

Rama Ekadashi: हर वर्ष कार्तिक माह में आने वाली एकादशी को धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन से दीपावली पर्व की शुरुआत भी हो जाती है, जो भाई दूज तक चलता है। इसे रमा एकादशी के नाम से पहचानते हैं क्योंकि इसका नाम माता लक्ष्मी के नाम पर रखा गया है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए वैसे तो हर एकादशी का उपवास किया जाता है लेकिन रमा एकादशी का खास महत्व माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजन भी की जाती है।

इस समय देशभर में दिवाली को लेकर उत्साह और उमंग देखने को मिल रही है। हर व्यक्ति अपने घर प्रतिष्ठान और कार्यालय में दीपावली की तैयारी में जुटा हुआ है। ऐसे में आज से सभी अपने घरों में पूजन पाठ और दीपक लगाने का क्रम शुरू करेंगे। चलिए आज हम आपको रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और कथा बताते हैं।

रमा एकादशी का मुहूर्त (Rama Ekadashi)

रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर यानी कि आज है। एकादशी तिथि की शुरुआत 27 अक्टूबर को सुबह 5:23 पर हो चुकी है और इसका समापन आज 7:50 पर होगा। जो लोग यह व्रत रख रहे हैं वह व्रत का पारण 29 अक्टूबर को सुबह 6:31 से 8:44 के बीच कर सकते हैं।

कैसे करें पूजन

  • समय एकादशी के दिन सुबह स्नान से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजन करें।
  • भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें तुलसी के पत्ते, धूप, दीप, फूल फल का नैवेद्य अर्पित करें।
  • इस दौरान भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन जरूर करें और चाहे तो जागरण भी किया जा सकता है।
  • व्रत करने के दौरान एकादशी की व्रत कथा जरूर सुननी चाहिए।
  • इस दौरान हजरत मां व्यक्ति या फिर ब्राह्मण को भोजन करवा कर दान-दक्षिणा देनी चाहिए और अंत में स्वयं व्रत खोलना चाहिए।

रखें ये सावधानियां

  • रमा एकादशी के दिन घर में झाड़ू लगाने से बचें। लगाना है तो ध्यान रखकर लगाएं क्योंकि इससे चीटियां और छोटे जीवों मरने का डर रहता है और आप पर हत्या का पाप लग सकता है।
  • इस दिन तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए।
  • एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए ऐसा करना गलत माना गया है।
  • एकादशी के दिन जितना हो सके कम बोलें क्योंकि ज्यादा बोलने से मुंह से गलत शब्द निकाल सकते हैं।
  • रमा एकादशी के दिन चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

करें ये उपाय

रमा एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए गोपाल स्तुति का पाठ जरूर करें। इस पाठ को करने के बाद अच्छी सेहत और धन प्राप्ति की प्रार्थना करें। अगर आर्थिक स्थिति मजबूत बनाना चाहते हैं तो भगवान कृष्ण के पास बैठकर उन्हें गोपी चंदन अर्पित करें और प्रार्थना करें।

ऐसी है कथा

रमा एकादशी की कथा के मुताबिक पौराणिक समय में विंध्य पर्वत पर एक बहेलियां रहता था। जिसका नाम क्रोधन था और वह महाक्रूर कहा जाता था। उसने जीवन भर लूटपाट, मद्यपान, हिंसा और झूठ में गुजारा। जब अपने जीवन के अंतिम समय में था तब यमराज ने अपने दूतों को उसे लेकर आने की आज्ञा दी। यमदूत क्रोधन के पास पहुंचे और उसे बताया कि तेरा अंतिम समय आ चुका है। जब बहेलिया को इस बात का पता चला तो वह भयभीत होकर महर्षि अंगिरा की शरण में पहुंचा। महर्षि ने दया दिखाते हुए उसे रमा एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। जब क्रोध ने एकादशी का व्रत पूजन किया तो उसे अपने पापों से मुक्ति मिल गई और वह मोक्ष को प्राप्त हुआ।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।